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Masik Shivratri April 2021: इस दिन ऐसे पूजा करने से पूरी होती हैं सभी मनोमनाएं

मासिक शिवरात्रि (10 अप्रैल 2021) के दिन ऐसे करें भगवान शिव को प्रसन्न...

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April Masik Shivratri 2021 significance importance

April Masik Shivratri 2021 significance importance

मासिक शिवरात्रि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता है, मासिक शिवरात्रि हर महीने में एक बार आती है। इस तरह से पूरे साल में 12 मासिक शिवरात्रि होती है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का व्रत रखने से जीवन की सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं। इसके साथ ही सभी मनोकामनाएं भी पूरी हो जाती हैं। ऐसे में इस बार फिर 2021 में अप्रैल महीने में मासिक शिवरात्रि शनिवार के दिन 10 अप्रैल को आ रही है।

Masik shivratri shubh Muhurat : मासिक शिवरात्रि 10 अप्रैल 2021 : शुभ मुहूर्त...
चैत्र कृष्ण चतुर्दशी, 10 अप्रैल प्रात: 04 बजकर 28 मिनट से 11 अप्रैल प्रात: 06 बजकर 02 मिनट तक।
दिन: शनिवार
तिथि: चतुर्दशी - पूर्ण रात्रि तक
नक्षत्र: पूर्वाभाद्रपद - 06:46:39 तक
पक्ष: कृष्ण
योग: ब्रह्म - 13:33:08 तक
चंद्रमा: मीन राशि
शुभ समय: 11:57:24 से 12:48:12 तक
राहु काल: 09:12:16 से 10:47:32 तक

ये है मासिक शिवरात्रि की पूजा विधि : Masik shivratri Puja Vidhi

- प्रात: ब्रहृम मुहूर्त में उठकर स्नान करें।
- इसके बाद साफ कपड़े पहनें। जहां तक हो सके इस दिन सफेद या पीले रंग के कपड़े पहनें।
- अब पूजा स्थल पर भगवान भोलेनाथ, माता पार्वती, गणेश और कार्तिकेय सहित नंदी की स्थापना करें। और शिव परिवार को पंचामृत से स्नान कराएं।
- साथ ही भगवान पर बेलपत्र, फल, फूल, धूप और दीप, नैवेद्व और इत्र भी चढ़ाएं।
- फिर शिव पुराण, शिव चालीसा, शिवाष्टक, शिव मंत्र और शिव आरती करें।

शिवरात्रि या मासिक शिवरात्रि का पूजा विधान इस दिन से एक दिन पहले त्रयोदशी से शुरू हो जाता है। त्रयोदशी के दिन प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा आराधना करें और मासिक शिवरात्रि व्रत का संकल्प लें। इसके बाद चतुर्दशी के दिन निराहार रहकर व्रत करें और भगवान शिव का किसी पवित्र नदी का जल चढ़ाएं।

फिर पंचामृत से शिवलिंग का अभिषेक करें और शिवपंचाक्षर मंत्र ओम नमः शिवाय का जाप करते हुए पूजा करें। दिन बीत जाने के बाद रात्रि के चारों पहर में शिव की पूजा करें और अगले दिन सुबह जरूरतमंद लोगों को भोजन या दान दक्षिण देकर अपना व्रत का पारण करें।

Masik shivratri puja samagri : शिवरात्रि पूजा सामग्री

भगवान शिव की पूजा के लिए सुगंधित पुष्प, बिल्वपत्र, भांग, धतूरा, गन्ने का रस, शुद्ध देशी घी, गाय का कच्चा दूध, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन,दही, शहद, पवित्र नदी का जल, बेर, जौ की बालें, तुलसी दल, इत्र, पंच फल पंच मेवा, मौली जनेऊ, पंच रस, गंध रोली, वस्त्राभूषण रत्न, पंच मिष्ठान्न, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री, सोना, दक्षिणा, चांदी, पूजा के बर्तन और आसन आदि।

Importance of Masik shivratri : मासिक शिवरात्रि का महत्व...

शिव महिमा से जुड़े कई पौराणिक ग्रंथों में मासिक शिवरात्रि के महत्व का उल्लेख मिलता है। दरअसल मासिक शिवरात्रि को बेहद प्रभावशाली माना गया है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन उपवास रखने और भगवान शिव की सच्चे मन से पूजा आराधना करने से मनुष्य की सारी मनोमनाएं पूरी होती है।

मासिक शिवरात्रि के दिन शिव चालीसा पढ़ने का भी बहुत महत्व होता है। शिव चालीसा के पठन से शरीर में पैदा होने वाली तरंगे व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक समस्याओं से बचाने का काम करती है।

शिवरात्रि व्रत कथा के अनुसार इस व्रत को रखने और विधि विधान के साथ प्रभु की पूजा करने वाले लोगों के जीवन की सभी समस्याएं स्वतः ही दूर हो जाती है। माना जाता है कि यदि किसी व्यक्ति को विवाह में बाधाएं आ रही हो तो उसकी सभी परेशानियां मासिक शिवरात्रि के उपवास से दूर हो जाती हैं।