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Mahavir Jayanti : भगवान महावीर के 5 व्रत और 12 वचन अपनाने से जीवन को मिलती नई राह

locationभोपालPublished: Apr 05, 2020 02:08:15 pm

Submitted by:

Shyam

भगवान महावीर स्वामी के अनमोल वचन

Mahavir Jayanti : भगवान महावीर के 5 व्रत और 12 वचन अपनाने से जीवन को मिलती नई राह

Mahavir Jayanti : भगवान महावीर के 5 व्रत और 12 वचन अपनाने से जीवन को मिलती नई राह

भगवान महावीर ने बताएं जीवन जीने के पांच महाव्रत जिसे अपनाकर कोई अपने जीवन को सार्थक बना सकता है। इस साल 2020 में भगवान महावीर का जन्मोत्सव पर्व 6 अप्रैल सोमवार को मनाया जाता है।

1- सत्य- महावीर स्वामी ने सत्य के बारे में कहा है कि- हे पुरुष! तू सत्य को ही सच्चा तत्व समझ। जो बुद्धिमान सत्य की ही आज्ञा में रहता है, वह मृत्यु को तैरकर पार कर जाता है।

2- अहिंसा– महावीर स्वामी ने अहिंसा पर कहा है कि इस लोक में जितने भी जीव है उनकी हिंसा मत कर, उनको उनके पथ पर जाने से न रोको। उनके प्रति अपने मन में दया का भाव रखो। उनकी रक्षा करो।

Mahavir Jayanti : भगवान महावीर के 5 व्रत और 12 वचन अपनाने से जीवन को मिलती नई राह

3- ब्रह्मचर्य– महावीर स्वामी ब्रह्मचर्य के बारे में अपने बहुत ही अमूल्य उपदेश देते हैं कि ब्रह्मचर्य उत्तम तपस्या, नियम, ज्ञान, दर्शन, चारित्र, संयम और विनय की जड़ है। तपस्या में ब्रह्मचर्य श्रेष्ठ तपस्या है। जो पुरुष स्त्रियों से संबंध नहीं रखते, वे मोक्ष मार्ग की ओर बढ़ते हैं।

4- अपरिग्रह – भगवान महावीर ने अपरिग्रह पर कहा है कि जो आदमी खुद सजीव या निर्जीव चीजों का संग्रह करता है, दूसरों से ऐसा संग्रह कराता है या दूसरों को ऐसा संग्रह करने की सम्मति देता है, उसको दुःखों से कभी छुटकारा नहीं मिल सकता।

Mahavir Jayanti : भगवान महावीर के 5 व्रत और 12 वचन अपनाने से जीवन को मिलती नई राह

5- अचौर्य– जैन धर्म में महावीर स्वामी द्वारा कहा गया है कि अगर दुसरे के वस्तु बिना उसके दिए हुआ ग्रहण किया जाए तो वह चोरी है।

श्रेष्ठ जीवन में भगवान महावीर स्वामी के ये 10 सूत्र बनेंगे सहायक

1- किसी आत्मा की सबसे बड़ी गलती अपने असल रूप को ना पहचानना है और यह केवल आत्म ज्ञान प्राप्त कर के ठीक की जा सकती है।

2- आत्मा अकेले आती है अकेले चली जाती है, न कोई उसका साथ देता है न कोई उसका मित्र बनता है।

Mahavir Jayanti : भगवान महावीर के 5 व्रत और 12 वचन अपनाने से जीवन को मिलती नई राह

3- प्रत्येक जीव स्वतंत्र है, कोई किसी और पर निर्भर नहीं करता।

4- भगवान का अलग से कोई अस्तित्व नहीं है, हर कोई सही दिशा में सर्वोच्च प्रयास कर के देवत्त्व प्राप्त कर सकता है।

5- प्रत्येक आत्मा स्वयं में सर्वज्ञ और आनंदमय है. आनंद बाहर से नहीं आता।

6- सभी जीवित प्राणियों के प्रति सम्मान अहिंसा है।

Mahavir Jayanti : भगवान महावीर के 5 व्रत और 12 वचन अपनाने से जीवन को मिलती नई राह

7- सभी मनुष्य अपने स्वयं के दोष की वजह से दुखी होते हैं, और वे खुद अपनी गलती सुधार कर प्रसन्न हो सकते हैं।

8- स्वयं से लड़ो, बाहरी दुश्मन से क्या लड़ना? वह जो स्वयं पर विजय कर लेगा उसे आनंद की प्राप्ति होगी।

9- खुद पर विजय प्राप्त करना लाखों शत्रुओं पर विजय पाने से बेहतर है।

10- आपकी आत्मा से परे कोई भी शत्रु नहीं है. असली शत्रु आपके भीतर रहते हैं, वो शत्रु हैं क्रोध, घमंड, लालच, आसक्ति और नफरत।

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