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कोरोना वायरस का डर इस मंत्र के जप से होगा दूर, हर रोज करे इतना जप

इस मंत्र का जप करेगा कोराना वायरस से रक्षा

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Shyam Kishor

May 14, 2020

कोरोना वायरस का डर इस मंत्र के जप से होगा दूर, हर रोज करे इतना जप

कोरोना वायरस का डर इस मंत्र के जप से होगा दूर, हर रोज करे इतना जप

वर्तमान में फैली हुई कोराना महामारी से पूरी दुनिया के लोग भयभीत डरे हुए है। अगर कोरोना वायरस से अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा चाहते हैं तो हर रोज सुबह शाम भगवान शिव के महामृत्युंजय मंत्र का जप अपने घर में परिवार के सभी सदस्य करें। शिव महापुराण में महामृत्युंजय के बारे लिखा है कि इसके जपकर्ता को जीवन में किसी भी चीज का भय नहीं रहता है। इस मंत्र का 108 करना चाहिए।

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अगर वर्तमान में कोई व्यक्ति कोरोना वायरस जैसी प्राण घातक बीमारी से पीड़ित है या उसका डर लग रहा हो तो प्रतिदिन महामृत्युंजय मंत्र का जप करने से कोरोना के रोगी की रक्षा होगी। तांत्रिक बीजोक्त महामृत्युंजय मंत्र का जप संभव हो तो रुद्राक्ष की माला से ही करें। जप के बाद 108 बार गाय के घी से हवन करने से रोगी के स्वास्थ्य में शीघ्र सुधार होने लगेगा।

महामृत्युंजय मंत्र-

।। ॐ ह्रौं जूं सः। ॐ भूर्भवः स्वः। ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌। उर्वारुकमिव बन्धनांन्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्‌। स्वः भुवः भूः ॐ । सः जूं ह्रौं ॐ ।

उक्त अति प्रभावशाली संजीवनी महामृत्युंजय मंत्र महामृत्युंजय मंत्र का जप करना परम फलदायी है। कोरोना वायरस से मुक्त के लिए जप करते समय इतना ध्यान जरूर रखें।

1- तांत्रिक बीजोक्त महामृत्युंजय मंत्र जप करते समय उच्चारण की शुद्धता का पूरा ध्यान रखें।

2- मंत्र जप के जितनी संख्या में जप का संकल्प लिया है उतना ही निर्धारित समय में पूरा करें।

3- मंत्र का उच्चारण ऐसे कंरे की पास में बैठे व्यक्ति को भी सुनाई न दें। यदि अभ्यास न हो तो बहुत ही धीमे स्वर में जप करें ।

4- जप तक जप चलता रहे तब तक घी का दीपक एवं चंदन की धूप जलते रहना चाहिए।

5- रुद्राक्ष की माला से ही तांत्रिक बीजोक्त महामृत्युंजय मंत्र का जप करें।

6- कुशा के आसन पर बैठकर ही जप करें।

7- जपकाल में आलस्य व उबासी को बिलकुल भी न आने दें।

8- जप करते समय अपना मुख पूर्व दिशा की तरफ ही होना चाहिए।

9- जप पूरा होने के बाद दुग्ध मिले जल से शिवजी का अभिषेक करें।

उपरोक्त नियमों का पालन करते हुए संजीवनी महामृत्युंजय मंत्र के जप के प्रभाव से रोगी को दो-तीन दिन में ही लाभ होने लगेगा।

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