
Daanvir Karan Aur Bhanumati
Daanvir Karan: महाभारत में कई ऐसी रोचक और रहस्यमयी कहानियां हैं। जिनमें से एक कहानी दानी कर्ण और दुर्योधन की पत्नि भानुमती से जुड़ी है। क्योंकि एक बार दुर्योंधन ने कर्ण भानुमति का हाथ पकड़ते देख लिया था। इस बीच भानुमित की नजर दुर्योधन पर पड़ी तो वह चौंक गई। आइए जानते हैं इस घटना के बारे में।
धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक एक दिन दान कर्ण और भानुमती अपने महल में अकेले चौपड़ खेल रहे थे। इस खेल के अंतिम पड़ाव पर रानी भानुमति की हार होने लगी। इससे वह परेशान होने लगीं और कर्ण उन्हें चिढ़ाने लगा। जब भानुमाति हार होते देख खेल छोड़ कर जाने लगीं तो कर्ण ने अनजाने में उनका हाथ पकड़ लिया। इसी बीच रानी भानुमति के कानों में दुर्योधन के आने की आहट सुनाई दी। जैसे ही उन्होंने दरवाजे के तरफ देखा तो दुर्योधन उसके सामने आ खड़ा हुआ।
दुर्योधन ने जब रानी भानुमति के तरफ देखा तो वह सहम गईं। इससे भानुमति के मन में डर पैदा हो गया। लेकिन कर्ण दुर्योधन का घनिष्ट मित्र था। इसलिए कर्ण पर कोई संदेह नहीं जताया। इसका कारण था दुर्योधन और कर्ण के बीच गहरी मित्रता और अटूट विश्वास। दुर्योधन जानता था कि कर्ण का उद्देश्य नेक था और उसमें कोई गलत भावना नहीं थी। इस घटना ने कर्ण और दुर्योधन की मित्रता को और मजबूत किया।
कर्ण और भानुमती की यह कहानी महाभारत की एक विवादित घटना है। लेकिन इससे कर्ण का निस्वर्थभाव और सत्यनिष्ठा का स्वभाव उजागर होता है। साथ ही यह दुर्योधन और कर्ण की गहरी मित्रता को दर्शाती है।
डिस्क्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारियां पूर्णतया सत्य हैं या सटीक हैं, इसका www.patrika.com दावा नहीं करता है। इन्हें अपनाने या इसको लेकर किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले इस क्षेत्र के किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।
Updated on:
05 Dec 2024 10:44 am
Published on:
05 Dec 2024 10:18 am
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