
dev uthani ekadashi upay: देव उठनी एकादशी के उपाय
Devuthani Ekadashi Upay: सनातन धर्म मानने वालों के लिए देवउठनी एकादशी का विशेष महत्व है। इस दिन चार माह से योगनिद्रा में सोये भगवान विष्णु जागते हैं। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु मांगने पर दुर्लभ से दुर्लभ वस्तुएं सहज ही प्रदान कर देते हैं।
मान्यता है कि हरि प्रबोधनी एकादशी के दिन पूजा और व्रत के साथ देवउठनी एकादशी के कुछ आसान धार्मिक उपाय करने से आप पर श्री लक्ष्मी नारायण की कृपा बनी रहेगी। इससे आपको मनोवांछित फल भी मिलेंगे। वाराणसी के पुरोहित पं. शिवम तिवारी से जानते हैं देवउठनी एकादशी के आसान उपाय
कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी को लक्ष्मी स्वरूपा माता तुलसी और विष्णु स्वरूप शालिग्राम का विवाह होता है। इसलिए इस दिन से शुरू कर पूर्णिमा तक कोई व्यक्ति रोज इनके लिए घी का दीपक जलाए तो उसे आर्थिक तंगी से छुटकारा मिल जाएगा।
हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार देवउठनी एकादशी के दिन जो भी मनुष्य शालिग्राम का दर्शन, पूजन, भजन, कीर्तन, ध्यान करता है और उन्हें तुलसी दल अर्पित करता है, उसे करोड़ों बार यज्ञ कराने का पुण्य फल प्राप्त होता है। साथ ही इस दिन पूजा से करोड़ों गोदान का फल प्राप्त होता है। इसके अलावा माता तुलसी और शालिग्राम का स्थान चारों धाम के समान होता है, यहां इनकी पूजा यज्ञ के समान फलदायक होती है।
यदि आप कोई काम कर रहे हैं और सफलता नहीं मिल रही है तो देवउठनी एकादशी के दिन पीपल के पेड़ के नीचे की मिट्टी को माथे में लगाकर वासुदेव, भगवान विष्णु से प्रार्थना करें, इस उपाय से कार्य में सफलता अवश्य मिलेगी।
यदि आप के दांपत्य जीवन में कटुता है, पति-पत्नी में सामंजस्य नहीं बन पा रहा है तो इस दिन तुलसी के पौधे में मौली या हल्दी को कच्चा सूत लपेटें और माता तुलसी और नारायण से प्रार्थना करें कि उनके घर में शांति हो और दांपत्य जीवन में प्रेम बढ़े।
देवउठनी एकादशी के दिन अन्न दान के साथ असहाय, गरीब लोगों को फल, धान, गेहूं, बाजरा, गुड़, उड़द और वस्त्र का दान करना चाहिए। इस दिन खासतौर पर सिंघाड़ा, शकरकंदी और गन्ने का दान विशेष फलदायक है। ऐसा करने से आपके घर में सुख-शांति का वास होगा और ग्रहदोष भी दूर हो जाएगा।
Updated on:
11 Nov 2024 08:49 pm
Published on:
22 Nov 2023 08:03 pm
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