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प्रदोष व्रत की सबसे आसान पूजा विधि और जरूरी नियम, सूतजी ने बताई थी ऋषियों को

Pradosh Vrat प्रदोष व्रत भगवान शिव को शीघ्र प्रसन्न करने वाला व्रत है। लेकिन इस व्रत के कुछ नियम है, जिसको मानना जरूरी है तो आइये जानते हैं सूतजी की बताई प्रदोष व्रत की सबसे आसान पूजा विधि और प्रदोष व्रत का नियम..

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Pravin Pandey

Oct 09, 2023

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प्रदोष व्रत की सबसे आसान पूजा विधि

प्रदोष व्रत का नियम
1. प्रदोष व्रत को व्रती को निर्जला रखना चाहिए।
2. प्रातः काल स्नान करके भगवान शिव की बेल पत्र, गंगाजल अक्षत धूप दीप सहित पूजा करें।
3. संध्या काल में फिर स्नान करके इसी प्रकार से शिवजी की पूजा करें।

प्रदोष व्रत की विधि
प्रदोषकाल में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है। इसलिए त्रयोदशी तिथि पर व्रत का निर्धारण भी प्रदोषकाल के अनुसार ही होता है। इसलिए शाम को विशेष पूजा की जाती है और शिव मंदिरों में शाम के समय प्रदोष मंत्र का जाप करते हैं। इस आसान पूजा विधि को सूत जी ने ऋषियों को बताई थी। आइये जानते हैं प्रदोष व्रत पूजा विधि..

1. प्रदोष व्रत करने के लिए सबसे पहले आप त्रयोदशी के दिन सूर्योदय से पहले उठ जाएं।
2. स्नान आदि करने के बाद आप साफ कपड़े पहनें।
3. इसके बाद आप बेलपत्र, अक्षत, दीप, धूप, गंगाजल आदि से भगवान शिव की पूजा करें।
4. इस व्रत में भोजन ग्रहण नहीं किया जाता है।

ये भी पढ़ेंः Pradosh Vrat: अलग-अलग दिन बदल जाते हैं इस व्रत के लाभ, जानिए कब है बुध प्रदोष व्रत और क्या है खासियत


5. पूरे दिन का उपवास रखने के बाद सूर्यास्त से कुछ देर पहले दोबारा स्नान कर लें और सफेद रंग का वस्त्र धारण करें।
6. आप स्वच्छ जल या गंगा जल से पूजास्थल को शुद्ध कर लें।
7. अब आप गाय का गोबर लें और उसकी मदद से मंडप तैयार कर लें।


8. पांच अलग-अलग रंगों की मदद से आप मंडप में रंगोली बना लें।
9. पूजा की सारी तैयारी करने के बाद आप उतर-पूर्व दिशा में मुंह करके कुशा के आसन पर बैठ जाएं।
10. भगवान शिव के मंत्र ऊँ नम: शिवाय का जाप करें और शिवजी को जल चढ़ाएं।