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इसलिए कहते हैं गणेशजी को एकदंत दयावंत बुद्धिमान

Ganesh Chaturthi : Ekdanta Ganpati Bappa : आखिर गणेश जी को एकदंत क्यों कहा जाता है, जानें गणेश से एकदंत बनने की कथा।

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भोपाल

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Shyam Kishor

Aug 27, 2019

Ganesh Chaturthi : Ekdanta Ganpati Bappa

इसलिए कहते है गणेशजी को एकदंत दयावंत बुद्धिमान

Ganesh Chaturthi 2019 : वैसे तो भगवान श्री गणेश जी को सहसत्रों नामों से पुकारा जाता है और सभी नामों की अपनी-अपनी महिमा है। जो भक्त पार्वती नंदन श्रीगणेश को संकट के समय जिस भी नाम से पुकारते है गणराज उनके सारे सकंटों का नाश कर देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गणेश जी को एकदंत क्यों कहा जाता है। जानें गणेश से एकदंत बनने की कथा।

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महाभारत विश्व का सबसे बड़ा महाकाव्य है। इसमें एक लाख से ज्यादा श्लोक हैं। महर्षि वेद व्यास के मुताबिक यह केवल राजा-रानियों की कहानी नहीं बल्कि धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की कथा है। इस ग्रंथ को लिखने के पीछे भी रोचक कथा है। कहा जाता है कि ब्रह्मा ने स्वप्न में महर्षि व्यास को महाभारत लिखने की प्रेरणा दी थी।

महर्षि व्यास ने यह काम स्वीकार कर लिया, लेकिन उन्हें कोई इसे लिखने वाला न मिला। वे ऐसे किसी व्यक्ति की खोज में लग गए जो इसे लिख सके। महाभारत के प्रथम अध्याय में उल्लेख है कि वेद व्यास ने गणेशजी को इसे लिखने का प्रस्ताव दिया तो वे तैयार हो गए। उन्होंने लिखने के पहले शर्त रखी कि महर्षि कथा लिखवाते समय एक पल के लिए भी नहीं रुकेंगे।

गणेश जी की इस शर्त को मानते हुए महर्षि ने भी एक शर्त रख दी कि गणेश भी एक-एक वाक्य को बिना समझे नहीं लिखेंगे। इस तरह गणेशजी के समझने के दौरान महर्षि को सोचने का अवसर मिल गया।

इस बारे में एक और कथा है कि महाभारत लिखने के दौरान जल्दबाजी के कारण ही श्री गणेश ने अपना एक दाँत तुड़वा लिया था। माना जाता है कि बिना रुके लिखने की शीघ्रता में यह दांत टूटा था। तभी से वे एकदंत कहलाए। लेकिन इतनी शीघ्रता के बाद भी श्री गणेश ने एक-एक शब्द समझ कर लिखा।

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