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उदय हुए गुरु 2 मई से गूंजेगी शहनाई, 2 माह में 45 विवाह मुहूर्त, फिर चार माह का ब्रेक

ऐसे लोग जो मुहूर्त न होने से विवाह नहीं कर पा रहे (vivah muhurt) थे, उनके इंतजार की घड़ियां बीतने वाली हैं। खरमास खत्म होने के बाद अब गुरु का उदय भी हो गया है। इससे 2 मई से शहनाई की गूंज सुनाई देने लगेगी, दो महीने तक विवाह का सीजन रहेगा। इसके 23 नवम्बर से विवाह मुहूर्त शुरू होंगे जो 15 दिसम्बर तक रहेंगे।

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Pravin Pandey

Apr 29, 2023

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vivah muhurt 2023

बता दें कि बीते दिनों खरमास के चलते मांगलिक कार्य बंद थे, खरमास खत्म हुआ तो गुरु अस्त हो चुके थे। हिंदू धर्म में मांगलिक कार्यों के लिए गुरु और शुक्र ग्रह का उदित अवस्था में रहना जरूरी माना जाता है। गुरु अस्त होने के कारण वैशाख महीने की अक्षय तृतीया के दिन भी लग्न नहीं था (अबूझ मुहूर्त कहते हैं, इस दिन मांगलिक कार्य के लिए मुहूर्त देखने की जरूरत नहीं पड़ती), लिहाजा इस दिन शहनाई नहीं बजी।


लेकिन अब फिर शहनाई बजने का समय आ गया है। ऐसे में आज शनिवार को यानि 29 अप्रैल 2023 से गुरु उदय हो रहे हैं, जिसके बाद से शादी-विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्य की शुरुआत हो जाएगी।

मई जून के सर्वोत्तम विवाह मुहूर्त


3 मई सर्वार्थ सिद्धि योग,15 मई अपरा एकादशी, 22 मई सर्वार्थ सिद्धि योग, 30 मई गंगा दशहरा (गंगा दशमी), 3 व 4 जून ज्येष्ठ वट सावित्री पूर्णिमा, 22, 23, 24 जून गुप्त नवरात्रि, 27 जून नवमी, 29 जून देवशयनी एकादशी।


सर्वोत्तम विवाह मुहूर्त नवम्बर-दिसम्बर
23 नवम्बर देवउठनी एकादशी, 27 नवम्बर कार्तिक पूर्णिमा, देव दीपावली, 8 दिसम्बर उत्पन्ना एकादशी।

मई से जून तक मुहूर्तः पंचांग के अनुसार मई में विवाह के लिए मई 18 मुहूर्त और जून में 16 मुहूर्त हैं। इसके अलावा नवम्बर में 5 दिन व दिसम्बर में 6 दिन विवाह मुहूर्त रहेंगे। इस प्रकार मई से दिसम्बर तक कुल 45 दिन विवाह के शुभ मुहूर्त रहेंगे।

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30 जून से 22 नवंबर तक बंद रहेंगे मांगलिक कार्य
पुरोहितों के अनुसार 30 जून से 22 नवंबर तक के लिए फिर विवाह जैसे मांगलिक कार्य बंद हो जाएंगे। इसके पीछे की वजह यह है कि इस अवधि में अधिकमास, चातुर्मास, हरिशयन, करकायन, शुक्रास्त के कारण लग्न नहीं मिलेगा। 16 दिसंबर से शनिवार मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से खरमास शुरू हो जाएगा। इसके बाद मांगलिक कार्य पर विराम लग जाएगा। आने वाले 2024 में 16 जनवरी को खरमास खत्म होने के बाद वैवाहिक और मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे।