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हनुमान जयंती, इस आरती से प्रसन्न होकर झूमने लगते हैं हनुमान जी

locationभोपालPublished: Apr 18, 2019 04:53:22 pm

Submitted by:

Shyam

हनुमान जयंती, इस आरती से प्रसन्न होकर झूमने लगते हैं हनुमान जी

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हनुमान जयंती, इस आरती से प्रसन्न होकर झूमने लगते हैं हनुमान जी

हनुमान जयंती का पावन पर्व 19 अप्रैल दिन शुक्रवार 2019 को पूरे देश में हनुमत भक्त बहुत श्रद्धा पूर्व मनायेंगे । भगवान श्री मर्यादा पुरषोत्तम श्रीराम के परम भक्त श्री हनुमान जी महाराज का स्मरण मात्र करने से मनुष्यों के सभी डर और दुःख दूर हो जाते हैं । श्री हनुमान जी की पूजा-अर्चना में हनुमान चालीसा, मंत्र और आरती का पाठ श्रद्धा पूर्वक करने परम लाभकारी माना जाता है । हिंदू धर्म शास्त्रों में श्री हनुमान जी को भगवान शिव का 11वां रूद्र अवतार माना जाता है । अगर हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी यह दिव्य स्तुति हनुमान आरती का प्रेम और श्रद्धा पूर्वक कूपर और घी का दीपक जलाकर गायन किया जाये तो हनुमान प्रसन्न होक झूमने लगते हैं ।

 

हनुमान जयंती के अलावा भी अन्य दिनों जैसे शनिवार, मंगलवार एवं पूर्णिमा के दिन महाबली श्री हनुमान जी की यह आरती का गायन करने से व्यक्ति के जीवन के सभी संकट दूर हो जाते है और हनुमान जी मनचाहा वरदान प्रदान करते हैं ।



आरती से पूर्व इन मंत्रों से हनुमान जी की वंदना करें-

 

1- ऊँ मनोजवं मारुत तुल्यवेगं, जितेन्द्रियं, बुद्धिमतां वरिष्ठम् ।।|
वातात्मजं वानरयुथ मुख्यं, श्रीरामदुतं शरणम प्रपद्धे ।।

2- ऊँ अतुलितबलधामं हेम शैलाभदेहं दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्‌ ।
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि ॥

 

श्री हनुमान भगवान की आरती

 

आरती किजे हनुमान लला की, दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥
जाके बल से गिरवर कांपे, रोग दोष जाके निकट ना झांके ॥

अंजनी पुत्र महा बलदाई, संतन के प्रभु सदा सहाई ॥
दे वीरा रघुनाथ पठाये, लंका जाये सिया सुधी लाये ॥

लंका सी कोट संमदर सी खाई, जात पवनसुत बार न लाई ॥
लंका जारि असुर संहारे, सियाराम जी के काज संवारे ॥

लक्ष्मण मुर्छित पड़े सकारे, आनि संजिवन प्राण उबारे ॥
पैठि पताल तोरि जम कारे, अहिरावन की भुजा उखारे ॥

बायें भुजा असुर दल मारे, दाहीने भुजा सब संत जन उबारे ॥
सुर नर मुनि जन आरती उतारे, जै जै जै हनुमान उचारे ॥

कचंन थाल कपूर लौ छाई, आरती करत अंजनी माई ॥
जो हनुमान जी की आरती गाये, बसहिं बैकुंठ परम पद पायै ॥

लंका विध्वंश किये रघुराई, तुलसीदास स्वामी किर्ती गाई ॥
आरती किजे हनुमान लला की, दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥

हनुमान जयंती के दिन उपरोक्त आरती करने के बाद दंडवत प्रणाम कर हनुमान जी की 11 परिक्रमा भी करने जन्म जन्मांतरों के पाप नष्ट हो जाते हैं ।

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