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Hanuman Ji Puja Upay: नए साल के पहले मंगलवार को पूजा में करें ये उपाय, हनुमान जी का मिलेगा भरपूर आर्शीवाद

Hanuman Ji Puja Upay: मान्यता है कि मंगलवार का दिन हनुमान जी को खुश करने के लिए सबसे पवित्र दिन है। इस दिन उपवास करने से हनुमान जी भक्तों के दुखों को दूर करते हैं और उनकी सभी मनोकामनाओं को परा करते हैं।

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जयपुर

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Sachin Kumar

Nov 19, 2024

Hanuman Ji Puja Upay

Hanuman Ji Puja Upay: हिंदू धर्म में पूजा-पाठ का विशेष महत्व है। यहां लोग अलग-अलग देवी देवताओं की पूजा करते हैं। इसी कड़ी में लोग संकट मोचन कहे जाने वालेहनुमान जी की पूजा भी करते हैं। हनुमान जी की पूजा के लिए मंगलवार का दिन चुना गया है। भक्त इस दिन बड़ी नियम निष्ठा के साथ पूजा करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हनुमान जी की पूजा मंगलवार को ही क्यों की जाती है? और बजरंगबली का आशीर्वाद प्राप्त करने के किस तरह पूजा करनी चाहिए। आइए यहां जानते हैं पूजा के उपाय।

हनुमान जी का मंगलवार से संबंध (Hanuman Ji Ka Mangalvaar Se Sambandh)

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार मंगलवार के दिन ही हनुमान जी का जन्म हुआ था। जिसके बाद से यह दिन बजरंग बली की पूजा के लिए समर्पित है। वहीं मंगलवार का संबंध मंगल ग्रह से है। जो ऊर्जा, शक्ति और साहस का प्रतीक माना जाता है। जैसा कि धार्मिक ग्रंथों में हनुमान जी को साहस और शक्ति का देवता माना गया है। हनुमान जी ने अपने बल, बुद्धि और भक्ति से रामायण में रावण के विरुद्ध युद्ध में बड़ी भूमिका निभाई। मंगलवार को उनकी पूजा करने से भक्तों को मानसिक और शारीरिक बल प्राप्त होता है।

इस दिन विधिपूर्वक पूजा करने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं। साथ ही श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। मान्यता है कि बंजरंगबली अपने भक्तों के संकटों को पल भर में नष्ट कर देते हैं। यही कारण है कि हनुमान जी को संकटमोचन भी कहा जाता है। मान्यता है मंगलवार के दिन व्रत रखने के साथ ही हनुमान चालीसा व सुंदरकांड का पाठ बेहद फलदायी होता है।

हनुमान जी की पूजा के उपाय (Hanuman ji Puja Upay)

साफ-सफाई का ध्यान रखें: पूजा करने से पहले स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। पूजा स्थान को साफ रखें।

शुद्धता का ध्यान: हनुमान जी की पूजा में सात्विकता का पालन करें। तामसिक भोजन (मांस, मदिरा, लहसुन, प्याज आदि) से बचें।

पूजा का समय: हनुमान जी की पूजा के लिए मंगलवार और शनिवार को विशेष माना जाता है। ब्रह्ममुहूर्त में या संध्या समय पूजा करना शुभ होता है।

पूजा सामग्री: लाल चंदन, सिंदूर, चमेली का तेल, गुड़-चने, तुलसी के पत्ते, और फूल (लाल रंग के) अर्पित करें। हनुमान जी को केले और मिठाई का भोग लगा सकते हैं।

हनुमान चालीसा और सुंदरकांड: हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, और सुंदरकांड का पाठ करें। ये पाठ हनुमान जी को अत्यंत प्रिय हैं।

दक्षिणमुखी हनुमान जी की मूर्ति: हनुमान जी की पूजा करते समय दक्षिणमुखी मूर्ति या चित्र का ध्यान करें। ध्यान रहे कि मूर्ति को कभी भी बिस्तर या खराब स्थान पर न रखें।

सिंदूर का अभिषेक: हनुमान जी को सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाना शुभ माना जाता है। इसे उनके कंधे या पैर पर अर्पित करें।

एकाग्रता और समर्पण: मन को शांत रखें और पूर्ण श्रद्धा से पूजा करें। मन में कोई नकारात्मक विचार न लाएं।

भक्तों के नियम: हनुमान जी के भक्तों को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। सत्य बोलें और अन्याय से दूर रहें।

दान और सेवा: जरुरतमंदों को दान दें और हनुमान जी के मंदिर में दीपक जलाएं। हनुमान जी की पूजा में सच्चे मन और विश्वास से की गई आराधना अधिक फल देती है।

हनुमान जी की पूजा के लाभ (Hanuman Ji Puja Ke Labh)

हनुमान जी को शत्रु नाशक और संकटों का समाधान करने वाला देवता माना जाता है।

उनकी पूजा से मानसिक शांति और आत्मबल प्राप्त होता है।

मंगल ग्रह के अशुभ प्रभाव को शांत करने के लिए हनुमान जी की आराधना प्रभावी मानी जाती है।

हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करने से जीवन की सभी बाधाओं का नाश होता है।

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