
hartalika teej 2021
हिंदू कैलेंडर में भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को एक विशेष पर्व आता है। जिसे हरतालिका तीज कहा जाता है। जो इस साल 2021 में 9 सितंबर को पड़ रहा है।
हरतालिका तीज व्रत का हिंदुओं में विशेष महत्व है, ऐसे में जहां महिलाएं निर्जला व्रत रखकर अपने पति की लम्बी आयु, उनके सुखी जीवन और आरोग्यता के लिए व्रत रखती हैं। वहीं उत्तराखंड के तिवारी व राजस्थान के कुछ ब्राह्मण समाजों में इस दिन जनेऊ को बदलने व बहनों द्वारा भाईयों की कलाई पर रक्षासूत्र यानि राखी बांधने का विधान है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल यानि 2021 में भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि की शुरुआत बृहस्पतिवार,9 सितंबर को सुबह 02:33 से शुरु होकर शुक्रवार 10 सितंबर को सुबह 12 बजकर 18 मिनट तक रहेगी। क्योंकि 12:18 कि बाद चतुर्थी तिथि लग जाएगी।
जानकारों के अनुसार चतुर्थी तिथि से युक्त तृतीया तिथि वैधव्यदोष का नाश कर पुत्र-पौत्रादि को बढ़ाने वाली मानी जाती है। वहीं इस बार हरतालिका व्रत पर करीब एक दर्जन से अधिक वर्षों बाद रवि योग बन रहा है।
इस बार हरतालिका तीज अति शुभ समय 9 सितंबर को शाम 05:16 बजे से शाम को 6 बजकर 45 मिनट तक है। जबकि पंचांग के अनुसार शाम 5 बजकर 14 बजे से रवियोग का दुर्लभ संयोग बनेगा। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार रवि योग से कई अशुभ योगों का प्रभाव निक्रिय हो जाता है।
वहीं यह भी मान्यता है कि यदि अविवाहित कन्याएं रवि योग में शिव-पार्वती का पूजन करती हैं तो उनके विवाह में आने वाली सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं, जबकि विवाहितों के वैवाहिक जीवन में आने वाली समस्याएं दूर हो जाती हैं।
हरतालिका तीज का व्रत के नियम
हरतालिका तीज पर महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुख समृद्धि के लिए ये व्रत रखती हैं। वहीं जो भी महिला हरतालिका तीज का व्रत पहली बार रख रही हैं तो इस बात का ध्यान रखे कि इसके कुछ नियमों का पालन करना जरूरी है। माना जाता है कि इस व्रत के दौरान हुई गलतियों की भुगतान अगले जन्म में तक करना होता है। इसके नियमों के संबंध में भविष्य पुराण में तक जानकारी दी गई है।
हरतालिका तीज के दिन इन कार्यों से बचें-
जानकारों के अनुसर हरतालिका तीज का व्रत में बेहद सावधानी की जरूरत होती है। वहीं यदि आप पहली बार हरतालिका तीज का व्रत रख रही हैं, तो इन नियमों का ध्यान अवश्य रखें।
: ध्यान रहे कि हरतालिका तीज की रात को सोया नहीं जाता। इस व्रत में रात भर जागरण करते हुए भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती हैं।
: हरतालिका तीज का व्रत निर्जला और निराहार होता है, यदि इस व्रत में कोई महिला फल तक खा लेती है, तो उसे इसका दंड अगले जन्म मिलता है।
: धार्मिक मान्यता है कि हरतालिका व्रत को एक बार शुरू करने के बाद इसे छोड़ा नहीं जा सकता। ऐसे में इसे हर साल रखने के साथ ही पूरे विधि-विधान से पूजा करनी होती है।
: माना जाता है कि इस व्रत के दौरान जल ग्रहण करने पर अगला जन्म मछली का मिलता है.
: इस व्रत के दौरान महिलाओं को हर स्थिति में खुद को क्रोध से दूर रखना होता है।
: हरतालिका तीज का व्रत रखने वाली महिलाओं को बुजुर्गों का खास ख्याल रखने के साथ ही इस दिन अपशब्दों का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
: व्रत के दिन विवादों की बातों को ज्यादा तूल न देते हुए इन्हें अनदेखा करें।
Published on:
06 Sept 2021 02:08 pm
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