
कब है रामनवमी व्रत
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार त्रेता युग में चैत्र शुक्ल नवमी यानी चैत्र नवरात्रि के नवें दिन भगवान श्री राम ने धरती पर अयोध्या में अवतार लिया था। इसी खुशी में राम नवमी व्रत रखा जाता है। राम नवमी पर आठ प्रहर उपवास करने का नियम है यानी इस दिन सूर्योदय से शुरू कर अगले सूर्योदय तक व्रत का पालन करना जरूरी है।
ब्रह्मपुराण के अनुसार रामनवमी व्रत के प्रभाव से व्रती ब्रह्महत्या जैसे महापाप से भी मुक्त हो जाता है, उसे मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। ब्रह्म पुराण के अनुसार रामनवमी के दिन जो मनुष्य मोह के कारण भोजन करते हैं अर्थात व्रत नहीं करते वह कुम्भीपाक आदि भयंकर नरक में पीड़ा पाते हैं।
साथ ही जो व्यक्ति व्रतों में उत्तम रामनवमी व्रत नहीं करते वो अन्य किसी भी व्रत के फल का भागी नहीं होते अर्थात उनको अन्य व्रतों का फल भी प्राप्त नहीं होता। मान्यता है कि इस व्रत को रखने से भगवान राम की कृपा मिलती है, सभी मनोकामना पूरी होती है और मृत्यु के बाद मोक्ष मिलता है।
चैत्र शुक्ल पक्ष नवमी की शुरुआतः 16 अप्रैल 2024 को दोपहर 01:23 बजे से
नवमी तिथि का समापनः बुधवार 17 अप्रैल 2024 को दोपहर 03:14 बजे तक
(नोटः उदयातिथि में चैत्र शुक्ल नवमी 17 अप्रैल को होने से इसी दिन नवमी मनाई जाएगी।)
रामनवमी पूजा का मुहूर्तः सुबह 11.04 बजे से दोपहर 1.36 बजे तक
(नोटः भगवान राम का जन्म दोपहर में ही मनाया जाता है, इस दिन पूजा की अवधि 2 घंटे 33 मिनट की है।)
Updated on:
29 Mar 2024 05:46 pm
Published on:
29 Mar 2024 05:45 pm
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