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Kharmas 2022: इस दिन से शुरु होने जा रहा है खरमास, जानें 30 दिन के लिए किन चीजों पर रहेगी रोक

Malmas 2022: मलमास की शुरुआत के साथ ही इन शुभ कार्यों पर विराम लग जाएगा।

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Deepesh Tiwari

Dec 01, 2022

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Kharmas 2022: सनातन परंपरा के अनुसार हिंदू कैलेंडर के एक वर्ष में कुल 12 सक्रांति पड़ती हैं, इन पड़ने वाली हर संक्रांति का नाम राशियों के आधार पर प्रत्येक बार अलग अलग होता है। ऐसे में जब सूर्यदेव धनु राशि में प्रवेश करते हैं तो इसे धनु सक्रांति कहा जाता है। देवगुरु बृहस्पति की राशि धनु में ग्रहों के राजा सूर्य के प्रवेश करने के साथ ही आगामी 30 दिन के लिए मुंडन, सगाई और गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्यों पर विराम लग जाता है।

यह अवधि को खरमास या मलमास के नाम से भी जानी जाती है। ऐसे में साल 2022 में सूर्यदेव शुक्रवार, 16 दिसंबर 2022 को धनु राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं, ऐसे में इसी दिन से खरमास का प्रारंभ हो जाएगा। तो चलिए आज पंडित सुनील शर्मा से जानते हैं खरमास का महत्व और इसमें बंद कार्यों के बारे में...

ऐसे लगता है खरमास?
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, एक वर्ष में कुल 12 संक्रांतियां होती हैं। जो सूर्य के राशि में प्रवेश से राशि के नाम से जानी जाती हैं। जैसे जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो यह मकर संक्रांति कहलाती है। वहीं ये भी जान लें कि सूर्य एक राशि में करीब 30 दिन तक रहते है। वहीं सूर्य जब देवगुरु बृहस्पति की राशि धनु और मीन में प्रवेश करते हैं, तो इन्हें क्रमश: धनु संक्रांति और मीन संक्रांति कहा जाता है। ज्ञात हो कि सूर्य जब धनु व मीन राशि में रहते हैं, तो यह अवधि मलमास या खरमास कहलाती है। इसमें शुभ और मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं।

शुभ कार्य बंद होंगे, जानें क्यों?
पंडित सुनील शर्मा के अनुसार देवगुरु बृहस्पति धनु राशि के स्वामी हैं। अपने ही गुरु की राशि में प्रवेश किसी भी देवग्रह के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। वहीं नवग्रहों के राजा सूर्य के देवगुरु की राशि में जानें से सूर्य कमजोर पड़ जाता है। सूर्य के इस राशि में कमजोर होने कारण ही इसे मलमास कहते हैं। वहीं यह भी कहा जाता है कि कमजोर होने के कारण खरमास में सूर्य का स्वभाव उग्र हो जाता है। जबकि सूर्य के कमजोर स्थिति में होने के कारण ही इस महीने के दौरान शुभ कार्यों पर पाबंदी लग जाती है।