हमारे इसी समाज में रहने वाले किन्नरों के बारे में तो सभी जानते है कि यह न तो पूरी तरह पुरुष होते है और न स्त्री और यो लोग विवाह करने के बाद भी अविवाहित रहते हैं । सुनकर थोड़ा अजब सा लगता है लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि किन्नर भी शादी करते हैं और शादी सिर्फ एक रात के लिए होती है एवं शादी के 24 घंटे बाद दुल्हन विधवा भी हो जाती है ।
किन्नर समाज की मान्यता है कि किसी नए सदस्य को शामिल करने के कुछ विशेष भी नियम है । मसलन किन्नरों के समूह में नए सदस्य को शामिल करने से पहले नाच-गाना और सामूहिक भोजन का आयोजन भी होता है । वहीं आम लोगों की तरह किन्नर समाज भी वैवाहिक बंधनों में बंधते हैं । खास बात यह है कि किन्नर विवाह तो करते पर अपने आराध्य देव भगवान अरावन से । विवाह में दुल्हन सोलह प्रकार के श्रंगार भी करती हैं, एक किन्नर सहयोगी दुल्हन बनी किन्नर की सिंदूर से मांग भी भरता है और साथी किन्नर लोग विवाह के मंगल गीत भी गाते हैं ।
लेकिन दिलचस्प बादत यह है कि इनका विवाह मात्र एक दिन के लिए होता है और विवाह के अगले ही 24 घंटे बाद दुल्हा यानी की अरावन देवता की मृत्यु हो जाती है, और इसी के साथ दुल्हन बनने वाली किन्नर का वैवाहिक जीवन हमेशा के खत्म हो जाता है, साथ ही दुल्हन बनी किन्नर अपना सोलह श्रृंगार उतारकर एक विधवा की तरह बहुत देर तक शोक मनाते हुये जोर जोर से रोते भी है ।