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Kumbh Sankranti Mantra: कुंभ संक्रांति पर इन मंत्रों के साथ करें पवित्र स्नान और सूर्यदेव पूजा, पुण्यफल प्राप्ति से जुड़ा है इसका महत्व

Kumbh Sankranti Mantra: कुंभ संक्रांति के दिन जो लोग विधिपूर्वक पूजा करते हैं। उनको भगवान सूर्यदेव और पवित्र नदियों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही मोक्ष की प्राप्ति के मार्ग खुलते हैं।

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भारत

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Sachin Kumar

Feb 06, 2025

Kumbh Sankranti Mantra

कुंभ संक्रांति पूजा 2025

Kumbh Sankranti Mantra: हिंदू धर्म में कुंभ संक्रांति का विशेष महत्व है। इस शुभ दिन पर सूर्य देव मकर राशि से निकल कर कुंभ राशि में प्रवेश करते हैं। इसलिए इसे कुंभ संक्रांति कहा जाता है।

धार्मिक मान्यता है कि कुंभ संक्रांति के दिन पवित्र स्नान करने से पुण्यफल की प्राप्ति होती है। साथ ही यह दिन सूर्यदेव की पूजा का उत्तम समय माना जाता है। संक्रांति के दिन पवित्र नदी में स्नान करने से मनुष्य को मोक्ष और समृद्धि की प्राप्ति होती है। खासकर गंगा, यमुना, नर्मदा और क्षिप्रा जैसी पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व है। इस दिन स्नान के समय कुछ विशेष मंत्रों का उच्चारण करने से और अधिक लाभ प्राप्त होता है।

कुंभ संक्रांति स्नान मंत्र

गंगे च यमुने चैव गोदावरि सरस्वति।
नर्मदे सिंधु कावेरि जलेऽस्मिन्सन्निधिं कुरु।।

कुंभ संक्रांति स्नान का महत्व

शास्त्रों में कहा गया है कि इस दिन गंगा स्नान से पूर्व जन्म और वर्तमान जन्म के पाप नष्ट होते हैं। कुंभ संक्रांति पर स्नान करने से मोक्ष मार्ग प्रशस्त होता और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। पवित्र नदियों में स्नान करने से मानसिक शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त होती है। इसके साथ ही स्नान, दान, पूजा और मंत्र जाप करने से धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

यह भी पढ़ें: कब है कुंभ संक्रांति, जानिए इसका महात्म्य

कुंभ संक्रांति स्नान मंत्र

गंगे च यमुने चैव गोदावरि सरस्वति।
नर्मदे सिंधु कावेरि जलेऽस्मिन्सन्निधिं कुरु।।

इस मंत्र का जाप करते हुए स्नान करने से 7 पवित्र नदियों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही शरीर और मन कोमल और निर्मल हो जाता है।

सूर्यदेव को समर्पित मंत्रों का जाप

ॐ घृ‍णिं सूर्य्य: आदित्य:।
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः।
ॐ सूर्याय नम:।
ॐ घृणि सूर्याय नम:।
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।
ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:।
ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ ।

भगवान सूर्य देव को समर्पित मंत्रों का जाप करने से जातक के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। साथ ही सूर्यदेव की कृपा से व्यक्ति का भग्य सूर्य की तरह चमक उठता है।

दान का महत्व

स्नान के बाद इस दिन दान का विशेष महत्व होता है। कुंभ संक्रांति पर तिल, गुड़, कंबल, अन्न, वस्त्र, स्वर्ण, और गोदान करने से अक्षय पुण्य प्राप्त होता है। साथ ही, गरीबों और जरूरतमंदों की सहायता करने से कई जन्मों का पुण्य फल मिलता है।

पूजा विधि

प्रातः काल पवित्र नदी या घर पर स्नान करें। स्नान के समय ऊपर दिए गए मंत्र का जाप करें। स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करें। भगवान विष्णु और शिवजी की पूजा करें। जरूरतमंदों को तिल, गुड़, अन्न और वस्त्र का दान करें। दिनभर सात्विक आचरण रखें और व्रत का पालन करें।

कुंभ संक्रांति न केवल एक ज्योतिषीय घटना है बल्कि यह धर्म, आस्था और पुण्य प्राप्ति का शुभ अवसर भी है। इस दिन पवित्र स्नान, मंत्र जाप और दान-पुण्य करने से व्यक्ति को समस्त सुख-संपत्तियों की प्राप्ति होती है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यदि सही विधि से इस दिन पूजन किया जाए, तो भगवान की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

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डिस्क्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारियां पूर्णतया सत्य हैं या सटीक हैं, इसका www.patrika.com दावा नहीं करता है। इन्हें अपनाने या इसको लेकर किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले इस क्षेत्र के किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।