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कुण्डलपुर महामहोत्सव: आचार्यश्री ने बनाए 6 नए निर्यापक, 18 ब्रह्मचारी को मिली क्षुल्लक दीक्षा

- तप और व्रत से धन्य हुई कुण्डलपुर की धरा- 176 बहनों ने आजीवन ब्रह्मचर्य का लिया संकल्प - 5733 प्रतिमाओं की प्रतिष्ठा, 10 विदेश जाएंगी

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Deepesh Tiwari

Feb 21, 2022

Acharyashree Vidyasagar performing initiation rites on Sunday during Maha Mahotsav

Acharyashree Vidyasagar performing initiation rites on Sunday during Maha Mahotsav

कुण्डलपुर महामहोत्सव (मध्यप्रदेश के दमोह में आयोजित) में रविवार को तप और व्रत से तीर्थक्षेत्र धन्य हो गया। तप कल्याणक में 18 ब्रह्मकुमार जीवन के और कठिन व्रत की ओर बढ़ते हुए क्षुल्लक बन गए। आचार्यश्री विद्यासागर महाराज के ससंघ सान्निध्य में उन्हें दीक्षा मिली। आचार्यश्री की आज्ञा मिलते ही सभी दीक्षार्थियों ने अपने अन्य सभी वस्त्र त्याग कर दिए। अब वे सिर्फ दो वस्त्र लंगोटी एवं गमझा के साथ ही वैराग्य की राह पर चलेंगे। इसके बाद ऐलक और फिर मुनि बनने की क्रिया होगी।

176 बहनों ने आजीवन ब्रह्मचर्य का पालन करने का व्रत लेकर सिद्धक्षेत्र को उल्लास से भर दिया। सदी के सबसे बड़े आयोजन में पहली बार संघ के विस्तार के लिए आचार्यश्री द्वारा 06 निर्यापक बनाए गए। मुनियों को यह जिम्मेदारी मिली है। जो देशभर में धर्म का संदेश लेकर भ्रमण करेंगे। संघ में अब 10 निर्यापक हो चुके हैं। उधर,सोमवार को सीएम शिवराज सिंह कुण्डलपुर आएंगे। महामहोत्सव में तप कल्याणक समारोह के साक्षी देश-दुनिया से आए तीन लाख से ज्यादा श्रावक बने। महज 10 हजार की आबादी वाले कुण्डलपुर कस्बे ने ऐसा जनसैलाब पहली बार देखा।

क्या होता है निर्यापक
आचार्यश्री की अनुपस्थिति में निर्यापक संघ का संचालन कर सकते हैं। निर्यापक नई जैनेश्वरी दीक्षा दिलवा सकते हैं। इससे पहले समय सागर, योग सागर, नियम सागर, सुधा सागर निर्यापक बनाए जा चुके हैं। यानी अब विद्यासागरजी के दस शिष्य ऐसे हो गए हैं, जो उनके आदेश पर संघ का संचालन कर सकते हैं। आचार्यश्री विद्यासागरजी के 380 शिष्य हैं, जिनमें से 367 अभी कुण्डलपुर में ही संघस्थ हैं, कुछ अन्यत्र होने से आयोजन में शामिल नहीं हो सके।

नवदीक्षित 18 क्षुल्लक
1. राहुल भैया सागर, मप्र। शिक्षा: इंजीनियरिंग। नया नाम: क्षुल्लक औचित्यसागर।
2. राजेश भैया सागर, मप्र। शिक्षा: इंजीनियरिंग। नया नाम: क्षुल्लक गहनसागर।
3. भूपेंद्र भैया ललितपुर, उप्र। शिक्षा: बीए। नया नाम: क्षुल्लक सुधारसागर।

6. ईश्वरदास भैया महाराजपुर, मप्र। शिक्षा: बीएससी मल्टीमीडिया। नया नाम: क्षुल्लक त्रिलोक सागर।
7. सचिन भैया, मुंगावली, मप्र। शिक्षा: बीई। नया नाम: क्षुल्लक मननसागर।
8. मानस भैया इंदौर, मप्र। शिक्षा: एमबीए। नया नाम: क्षुल्लक सुदृढ़सागर।
9. सचिन भैया पुसद, महाराष्ट्र। शिक्षा: 12वीं। नया नाम: क्षुल्लक अपारसागर।
10. प्रांशुल भैया सतना, मप्र। शिक्षा: एमटेक। नया नाम: क्षुल्लक समकितसागर।
11. अविचल भैया गुना, मप्र। शिक्षा: एमकॉम। नया नाम: क्षुल्लक विचारसागर।
12. राजा भैया खिमलाशा,मप्र। शिक्षा: मैट्रिक। नया नाम: क्षुल्लक मगनसागर।
4. सुमित भैया गुना, मप्र। शिक्षा: बीकॉम, सीए। नया नाम: क्षुल्लक मंथनसागर।
5. मयूर भैया, विदिशा,मप्र। शिक्षा: इंजीनियरिंग। नया नाम: क्षुल्लक कैवल्यसागर।

13. अमित भैया ललितपुर, उप्र। शिक्षा: हाईस्कूल। नया नाम: क्षुल्लक तन्मयसागर।
14. मयूर भैया सुरखी, मप्र। शिक्षा: बीकॉम। नया नाम: क्षुल्लक उचितसागर जी
15. अर्पित भैया, फिरोजाबाद, उप्र। शिक्षा: एलएलबी। नया नाम: क्षुल्लक अथाहसागर।
16. चंदन भैया, फिरोजपुर, पंजाब। शिक्षा: बीसीए। नया नाम: क्षुल्लक उत्साहसागर।
17. कार्तिक भैया दमोह, मप्र। शिक्षा: सीए। नया नाम: क्षुल्लक अमापसागर।
18. सौरभ भैया सागर, मप्र्र।
शिक्षा: 9वीं। नया नाम: क्षुल्लक विरलसागर।

गहने शिखर के लिए समर्पित
दिल्ली से आए दो व्यापारियों ने दो किलो सोना भेंट करके आचार्यश्री के पाद प्रच्छालन किए। मंच संचालक अमित पडरिया ने शिखर पर 101 किलो चढ़ाने की बात कही तो पूरे पंडाल में चारों ओर से सोने की बारिश होने लगी। सैकड़ों महिलाओं ने अपने गहने उतारकर बड़े बाबा के शिखर के लिए समर्पित कर दिए।

प्रक्षालन के लिए श्रावकों की कतार
तप कल्याणक के उत्तर की पावन बेला में सुबह से श्रीजी का अभिषेक पूजन, शांतिधारा का आयोजन हुआ। इसके बाद 24 तीर्थंकर के तप कल्याणक के अघ्र्य समर्पित किए गए। दूर-दूर से आए श्रद्धालु बड़े बाबा के चरण छूकर और पाद प्रक्षालन कर अपने को पुण्यशाली बनाने में कोई कसर नहीं छोडऩा चाहते। अलसुबह से ही बड़े बाबा मंदिर प्रांगण में शुद्ध शोले के वस्त्र पहने श्रावकों की लंबी कतार देखने को मिल रही है।