29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

सावन के पहले ही दिन 2 घंटे देरी से होगी बाबा महाकाल की भस्म आरती, भक्तों को करना होगा इंतजार

maha kaal bhasm aarti : सावन के पहले ही दिन 2 घंटे देरी से होगी बाबा महाकाल की भस्म आरती

3 min read
Google source verification

भोपाल

image

Shyam Kishor

Jul 16, 2019

bhasma aarti in sawan

चंद्रग्रहण का असर, सावन के पहले ही दिन 2 घंटे देरी से होगी बाबा महाकाल की भस्म आरती, पढ़ें पूरी खबर

आज आषाढ़ी मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा पर मंगलवार की मध्य रात्रि में चंद्रग्रहण लगने वाला है। चंद्रग्रहण के दौरान कोई भी शुभ करने की शास्त्रोंक्त मनाही है। इसलिए ग्रहण काल में स्थुल रूप से मंदिरों में और घरों में भी पूजा-पाठ आदि कर्म नहीं किए जाते। ग्रहण के समय भगवान के नाम और मंत्र का मानसिक रूप से जप करना चाहिए।

सावन मास के पहले ही दिन ग्रहण के कारण उज्जैन के बाबा महाकाल की आरती पर भी पड़ रहा है, जिसके कारण नियमित समय पर होने वाली भस्म आरती 2 घंटे की देरी से होगी। महाकाल मंदिर के अलावा भी अन्य सभी देवालयों, मंदिरों में भी देरी से ही पूजा पाठ का क्रम पूरा होगा।

उज्जैन के राजा महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में बुधवार तड़के सावन मास के पहले ही दिन बाबा महाकाल की भस्म आरती च्रंदग्रहण के कारण करीब 2 घंटे देरी से होगी। वैसे तो हर रोज सूर्योदय से पूर्व ही लगभग 3 बजकर 30 मिनट पर होती है, लेकिन चंद्रग्रहण के कारण 2 घटें बाद सुबह करीब 5 बजे भस्म आरती होगी।

सामान्य दिनों की अपेक्षा सावन के महीने में महाकाल मंदिर के द्वार रात्रि 3 बजे खुलते हैं और उसके बाद बाबा महाकाल की विशेष भस्म की जाती है। बुधवार सुबह चंद्रग्रहण का सूतक तड़के 4 बजकर 30 पर होगा और शुद्धिकरण के बाद आरती होगी।

उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर प्रशासन के अनुसार चंद्रग्रहण के बाद पूरे मंदिर परिसर एवं गर्भ ग्रह को धोकर शुद्ध किया जाएगा और उसके बाद ही महाकाल गर्भगृह के द्वार खुलेंगे। भगवान महाकाल को भी शुद्धजल, गंगाजल एवं क्षिप्रा जल से स्नान कराने के बाद ही भस्म आरती की जायेगी।

इसलिए भगवान महाकाल के दर्शन सावन मास के पहले ही देर थोड़ी देरी से होंगे। साथ ही दर्शन करने वाले श्रद्धालु भक्तों को भी बाबा महाकाल के दर्शन करने के लिए ग्रहण का सूतक समाप्त होने के बाद शुद्ध स्नान करके ही मंदिर में प्रवेश करना होगा।