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मां शैलपुत्री की ऐसे करें पूजा, इन मंत्रों से मां होंगी प्रसन्न

आदिशक्ति की आराधना का पर्व चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2023) बुधवार 22 मार्च 2023 से शुरू हो रहा है। नवरात्रि के पहले दिन माता के पहले स्वरूप शैलपुत्री की पूजा की जाती है। मान्यता है कि मां शैलपुत्री की आराधना से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। लेकिन कई ऐसे लोग होंगे जो मां शैलपुत्री पूजा (Maa Shailputri Puja) की सरल विधि जानना चाह रहे होंगे, ऐसे लोगों के लिए हम पेश कर रहे हैं मां शैलपुत्री पूजा विधि। इस दौरान इन मंत्रों से मां प्रसन्न होंगी।

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Pravin Pandey

Feb 28, 2023

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ma shailputri puja

मां शैलपुत्री पूजा विधिः धार्मिक ग्रंथों में मां शैलपुत्री की पूजा की कई विधियां बताई गईं हैं। इन्हीं में से एक आसान विधि के अनुसार मां की ऐसे आराधना भी कर सकते हैं।


1. सबसे पहले एक लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर श्रद्धा से मां शैलपुत्री की तस्वीर रखें।
2. इस पर केसर से शं लिखें और उस पर मनोकामना पूर्ति गुटिका रखें।
3. इसके बाद हाथ में लाल फूल लेकर शैलपुत्री का ध्यान करें। ध्यान के लिए वंदे वांच्छित लाभाय चंद्रार्धकृतशेखराम्, वृषारूढ़ां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम् मंत्र का जाप कर सकते हैं।


4. इसके बाद ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ऊँ शैलपुत्री देव्यै नमः मंत्र का जाप करते हुए हाथ में लिया फूल मनोकामना पूर्ति गुटिका और मां शैलपुत्री की तस्वीर पर अर्पित करें। इस मंत्र का भी 108 बार जाप करें।
5. इसके बाद प्रसाद अर्पित कर मां शैलपुत्री के मंत्र ऊँ शं शैलपुत्री देव्यै नमः का 108 बार जाप करें।
5. मां दुर्गा के चरणों में अपनी मनोकामना व्यक्त कर उसे पूरा करने के लिए प्रार्थना करें।
6. माता के लिए भोग अर्पित करें, माता की आरती करें, कीर्तन करें।

ये भी पढ़ेंः Chaitra Navratri 2023: कैसे तय होता है नवरात्रि में मां का वाहन, जानिए इसका फल

मां शैलपुत्री के स्त्रोत पाठ


प्रथम दुर्गा त्वंहि भवसागरः तारणीम्।
धन ऐश्वर्य दायिनी शैलपुत्री प्रणमाम्यहम्।।
त्रिलोजननी त्वंहि परमानंद प्रदीयमान्।
सौभाग्यरोग्य दायनी शैलपुत्री प्रणमाम्यहम्।।
चराचरेश्वरी त्वंहि महामोहः विनाशिन।
मुक्ति भुक्ति दायनीं शैलपुत्री प्रणमाम्यहम्।।

मां शैलपुत्री की आरतीः मां शैलपुत्री की स्तुति के लिए कई गीत (आरती) लिखे गए हैं। इनमें से एक इसे भी गाई जा सकती है।
शैलपुत्री मां बैल पर सवार।
करें देवता जय-जयकार।।
शिव शंकर की प्रिय भवानी।
तेरी महिमा किसी ने न जानी।।
पार्वती तू उमा कहलावे।
जो तुझे सिमरे सो सुख पावे।।


ऋद्धि सिद्धि परवान करे तू।
दया करे धनवान करे तू।।
सोमवार को शिव संग प्यारी।
आरती तेरी जिसने उतारी।
उसकी सगरी आस पुजा दो।
सगरे दुख तकलीफ मिटा दो।।
घी का सुंदर दीप जला के।
गोला गरी का भोग लगा के।


श्रद्धा भाव से मंत्र गाएं।
प्रेम सहित फिर शीश झुकाएं।
जय गिरिराज किशोरी अंबे।
शिव मुख चंद्र चकोरी अंबे।
मनोकामना पूर्ण कर दो।
सदा सुख संपत्ति से भक्त का घर भर दो।।