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मरने के बाद मोक्ष मिलेगा या नहीं, जानें अद्भुत रहस्य

Moksha Prapti Yog in Kundali : मरने के बाद मोक्ष मिलेगा या नहीं, जानें अद्भुत रहस्य

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भोपाल

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Shyam Kishor

Nov 27, 2019

मरने के बाद मोक्ष मिलेगा या नहीं, जानें अद्भुत रहस्य

मरने के बाद मोक्ष मिलेगा या नहीं, जानें अद्भुत रहस्य

हर मनुष्य की कामना होती है कि जीवित रहते ही उस स्वर्गीय आनंद की प्राप्ति हो और मरने के बाद मोक्ष मिले। लेकिन मोक्ष पाना किसी के लिए आसान और किसी के लिए कठिन होता है। धर्म ग्रंथों की कथाओं के अनुसार, बड़े-बड़े साधु-संतों को मोक्ष की प्राप्‍ति हेतु कई वर्षों तक घोर तपस्‍या करनी पड़ी थी। लेकिन ज्योतिष के अनुसार किसी भी व्यक्ति की कुंडली मेंल स्थित ग्रहों के देखकर यह पता लगाया जा सकता है कि उसे मोक्ष मिलेगा या नहीं। ज्योतिष शास्त्र की माने तो किसी की कुंडली में यह योग बन रहा हो तो उसे मत्यु के बाद मोक्ष अवश्य मिलता है।

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सबसे अधिक शुभ ग्रह

ज्योतिषशास्त्र की माने तो सौरमंडल के कुछ ग्रह ऐसे हैं जिनके प्रभाव में आने पर मनुष्‍य सदमार्ग पर चलने की ओर प्रेरित होता है। सभी ग्रहों में गुरु सबसे अधिक शुभ ग्रह है। इसके प्रभाव में व्यक्ति सदा शुभ कर्मों के लिए प्रेरित रहता है। माना जाता है कि गुरु के शुभ स्‍थान में होने पर जातक अपने जीवन में सफलता और मान-सम्‍मान प्राप्‍त करता है, और गुरु ही एक मात्र वह व्यक्ति हैं जो ईश्वर के दर्शन करा सकता है।

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1- यदि कुंडली के बारहवें भाव में शुभ ग्रह विराजमान है और बारहवें भाव का स्वामी अपनी राशि या मित्र राशि में बैठा है एवं इन्‍हें कोई शुभ ग्रह देख रहा है तो ऐसी स्थिति में जातक अपने शुभ कर्मों के कारण ईश्वर से मिल सकता है।

2- इसके अलावा जब कुंडली में केवल गुरू ही कर्क राशि में छठे, आठवें, प्रथम, चतुर्थ, सप्तम या दशम भाव में बैठा हो और अन्‍य सभी ग्रह कमजोर हों तो व्‍यक्‍ति के मोक्ष प्राप्‍ति के योग बनते हैं।

3- जब जन्‍मकुंडली में गुरु लग्‍न स्‍थान में मीन राशि में बैठा हो या दसवें घर में विराजमान हो या किसी अशुभ ग्रह की दृष्टि उस पर न पड़ रही हो तो ऐसी स्थिति में मोक्ष प्राप्ति का योग बनता है।

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करना चाहिए जीवन भर ये उपाय

1- मोक्ष प्रदानता की डोर ईश्‍वर के हाथ में है लेकिन मनुष्‍य अपने सत्‍कर्मों से भी मोक्ष पा सकता है।

2- यदि ईश्वर दर्शन चाहते हैं तो इसके लिए जरूरी है कि सबसे पहले आप वासना से भरे भावों को अपने मन से दूर कर दें।

3- योनि-पूजन, लिंगार्चन, भैरवी-साधना, चक्र-पूजा जैसी गुप्त साधनाओं के द्वारा भी ईश्वर की प्राप्‍ति संभव है।

4- स्त्रियों के प्रति सम्‍मान और आदर भाव रखने वाला व्‍यक्‍ति भी शीघ्र ईश्वर को प्राप्‍त कर सकता है।

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