5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Narshingh Dwadashi 2023: कब है नरसिंह द्वादशी, जानें व्रत डेट और पूजा की विधि

फाल्गुन शुक्ल द्वादशी को नरसिंह द्वादशी (Narshingh Dwadashi 2023) मनाई जाती है। यह तिथि भगवान विष्णु के नृसिंह अवतार से संबंधित है। इस दिन भगवान विष्णु और उनके नृसिंह अवतार की पूजा की जाती है। इसे गोविंद द्वादशी के नाम (Falgun Shukl Dwadashi 2023) से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को रखने से मनुष्य के सभी कष्ट दूर होते हैं।

2 min read
Google source verification

image

Pravin Pandey

Feb 28, 2023

narshing_dwadashi.jpg

Narshingh Dwadashi 2023

कब है नरसिंह द्वादशीः फाल्गुन मास की द्वादशी तिथि का आरंभ 3 मार्च सुबह 9.11 बजे से हो रही है और यह तिथि 4 मार्च को सुबह 11.43 बजे संपन्न हो रही है। इस तरह नरसिंह द्वादशी की पूजा 3 मार्च को होगी। इस दिन दो शुभ योग भी बन रहे हैं। नृसिंह द्वादशी के दिन तीन मार्च सुबह 6.34 बजे से दोपहर 3.43 बजे तक सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है, जबकि सूर्योदय से शाम 6.44 बजे तक सौभाग्य योग बन रहा है।

नरसिंह द्वादशी का महत्वः मान्यता है कि नरसिंह द्वादशी व्रत रखने से सभी कष्ट दूर होते हैं। इस व्रत के प्रभाव से मनुष्य मनुष्य का आत्मबल और साहस बढ़ता है। साथ ही मनुष्य का भय दूर होता है। इस व्रत के प्रभाव से भक्त पर भगवान नृसिंह की कृपा होती है, सभी दुख दूर होते हैं। भगवान नृसिंह भक्त का मंगल करते हैं।

नरसिंह द्वादशी पूजा विधिः मान्यता है कि हिरण्यकश्यप के वध के बाद भगवान नृसिंह ने प्रह्लाद को वरदान दिया था कि इस दिन जो भी भक्त उनकी पूजा करेगा, वो उसकी मनोकामना पूरी करेंगे। नरसिंह द्वादशी के दिन इस तरह भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। मान्यता है कि इस दिन घर में शंखनाद जरूर करना चाहिए। इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रसार होता है।

1. सुबह उठकर दैनिक क्रियाओं से निवृत्त होकर भगवान का ध्यान कर व्रत का संकल्प लें।
2. भगवान विष्णु की पूजा करें, पीला फूल, पीले फूल की माला, चंदन, तिल, पीले रंग का भोग अर्पित करें।
3. घी का दीपक, धूप जलाकर पूजा करें, स्रोत का पाठ करें।

ये भी पढ़ेंः मां शैलपुत्री की ऐसे करें पूजा, इन मंत्रों से मां होंगी प्रसन्न


इन मंत्रों का जाप करें


1. ऊँ उग्रं वीरं महाविष्णुं ज्वलंतं सर्वतोमुखम्।
नृसिंहं भीषणं भद्रं मृत्यु मृत्युं नमाम्यहम्।।

संबंधित खबरें


2. ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय
3. ऊँ नमो नारायणाय