
Narshingh Dwadashi 2023
कब है नरसिंह द्वादशीः फाल्गुन मास की द्वादशी तिथि का आरंभ 3 मार्च सुबह 9.11 बजे से हो रही है और यह तिथि 4 मार्च को सुबह 11.43 बजे संपन्न हो रही है। इस तरह नरसिंह द्वादशी की पूजा 3 मार्च को होगी। इस दिन दो शुभ योग भी बन रहे हैं। नृसिंह द्वादशी के दिन तीन मार्च सुबह 6.34 बजे से दोपहर 3.43 बजे तक सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है, जबकि सूर्योदय से शाम 6.44 बजे तक सौभाग्य योग बन रहा है।
नरसिंह द्वादशी का महत्वः मान्यता है कि नरसिंह द्वादशी व्रत रखने से सभी कष्ट दूर होते हैं। इस व्रत के प्रभाव से मनुष्य मनुष्य का आत्मबल और साहस बढ़ता है। साथ ही मनुष्य का भय दूर होता है। इस व्रत के प्रभाव से भक्त पर भगवान नृसिंह की कृपा होती है, सभी दुख दूर होते हैं। भगवान नृसिंह भक्त का मंगल करते हैं।
नरसिंह द्वादशी पूजा विधिः मान्यता है कि हिरण्यकश्यप के वध के बाद भगवान नृसिंह ने प्रह्लाद को वरदान दिया था कि इस दिन जो भी भक्त उनकी पूजा करेगा, वो उसकी मनोकामना पूरी करेंगे। नरसिंह द्वादशी के दिन इस तरह भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। मान्यता है कि इस दिन घर में शंखनाद जरूर करना चाहिए। इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रसार होता है।
1. सुबह उठकर दैनिक क्रियाओं से निवृत्त होकर भगवान का ध्यान कर व्रत का संकल्प लें।
2. भगवान विष्णु की पूजा करें, पीला फूल, पीले फूल की माला, चंदन, तिल, पीले रंग का भोग अर्पित करें।
3. घी का दीपक, धूप जलाकर पूजा करें, स्रोत का पाठ करें।
इन मंत्रों का जाप करें
1. ऊँ उग्रं वीरं महाविष्णुं ज्वलंतं सर्वतोमुखम्।
नृसिंहं भीषणं भद्रं मृत्यु मृत्युं नमाम्यहम्।।
2. ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय
3. ऊँ नमो नारायणाय
Updated on:
28 Feb 2023 04:08 pm
Published on:
28 Feb 2023 04:07 pm
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