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20 साल बाद पितृ अमावस्या पर शुभ संयोग, सर्वपितृ अमावस्या के दिन इन तरीकों से करें पितरों को प्रसन्न

locationभोपालPublished: Sep 22, 2019 01:03:31 pm

Submitted by:

Devendra Kashyap

सर्वपितृ अमावस्या शनिवार के दिन पड़ रही है। 20 साल बाद ये शुभ संयोग आया है कि शनिवार के दिन सर्वपितृ अमावस्या पड़ रही है।

Pitru Paksha
भादो पूर्णिमा से ही पितृ पक्ष शुरू हो गया है। 28 सितंबर को पितृ अमावस्या है। इस दिन को सर्वपितृ अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इसे पितृ विसर्जनी भी कहा जाता है। कहा जाता है कि इस दिन उन लोगों का तर्पण किया जाता है, जिनकी मृत्यु तिथि याद नहीं रहता है या पता नहीं रहता है।
Pitru Paksha
दरअसल, पितृ पक्ष के आखिरी दिन को सर्वपितृ अमावस्या के नाम से जाना जाता है। सर्वपितृ अमावस्या अश्विन महीने के कृष्ण पक्ष में पड़ती है। इस बार सर्वपितृ अमावस्या शनिवार के दिन पड़ रही है। 20 साल बाद ये शुभ संयोग आया है कि शनिवार के दिन सर्वपितृ अमावस्या पड़ रही है। यही कारण है कि इसका महत्व ज्यादा बढ़ गया है। माना जाता है कि सर्वपितृ अमावस्या के दिन पितरों के नाम से दान करने पर पुण्य की प्राप्ति होती है।
Pitru Paksha
आइये जानते हैं कि सर्वपितृ अमावस्या के दिन पितरों को प्रसन्न करने के लिए क्या करना चाहिए….

सर्वपितृ अमावस्या के दिन पीपल के पत्तों पर पांच तरह की मिठाइयां रखें। इसके बाद पूर्वजों का ध्यान करें ऐसा करने से पितर प्रसन्न होंगे।
तर्पण करने से पहले हाथ में कुश की अंगूठी पहने। इसके बाद दांए हाथ में जल, जौ और काले तिल लेकर अपना गोत्र बोलें और इन चीजों को पितरों को समर्पित कर दें।

इस दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। ऐसा करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलेगी।
जैसा कि हमने पहले ही बताया कि इस बार 20 साल बाद शनिवार के दिन सर्वपितृ अमावस्या है। ऐसे में इस दिन चींटी, कौवा, गाय, कुत्ता और ब्राह्मण के नाम से भोजन निकाल दें। ऐसा करने से आप पर पितरों की कृपा हमेशा बनी रहेगी।
सर्वपितृ अमावस्या के दिन श्राद्ध के लिए तिल और चावल मिलाकर पिंड बनाएं और उसे पितरों को अर्पित करें।

सर्वपितृ अमावस्या के दिन सुबह सूर्य देव को जल अर्पण करें। ऐसा करने से पितरों की कृपा से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी।

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