
Rules to get blessings of shri hanumanji
भगवान शिव के 11वें रुद्रावतार श्री हनुमान को सनातन धर्म में चिरंजीवी माना गया है। इसके साथ ही इन्हें कलयुग देवता भी माना जाता है। ज्योतिष में हनुमान को मंगल का कारक देव माना गया है। वहीं इन्हें शनिवार के दिन भी पूजने का विधान है।
संकट मोचन, मारुति नंदन, हनुमान जी को बल- बुद्धि के दाता माना जाता है। ऐसे में माना जाता है कि जितना सरल, सहज महावीर हनुमान जी का व्यक्तित्व है, उतनी ही आसान इनकी पूजा भी है। भगवान भोलेनाथ यानि रुद्र के अवतार होने के चलते यह आसानी से प्रसन्न भी हो जाते हैं।
पंडित सुनील शर्मा के अनुसार श्रीराम भक्त हनुमान की पूजा में भक्ति के समावेश के साथ कुछ विशेष बातों का भी ध्यान रखना बेहद जरूरी है। पंडित शर्मा के अनुसार सनातन धर्म में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के परम भक्त हनुमान को संकट मोचक माना गया है।
मान्यता है कि श्री हनुमान का नाम लेते ही सारे संकट दूर हो जाते हैं और भक्त को किसी बात का भय नहीं सताता है। उनके नाम मात्र से आसुरी शक्तियां गायब हो जाती हैं। हनुमान जी के जन्मोत्सव को देश भर में हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है। वहीं इनकी पूजा में पांच गलतियां भूलकर भी नहीं करनी चाहिए।
हनुमानजी: लाल रंग है प्रिय
श्री बजरंग बली का प्रिय रंग लाल है। ऐसे में पूजा के दौरान उनकी पसंद का पूरा ध्यान रखें। कहने का तात्पर्य श्री हनुमान जी को लाल रंग के फूल, कपड़ें आदि अर्पित करें। श्री हनुमान जी को कभी भी पूजा के समय काले या सफेद रंग के कपड़े न पहनाएं। माना जाता है कि ऐसा करने पर आपकी पूजा पर नकरात्मक प्रभाव पड़ता है। हनुमान जी की पूजा में लाल और पीले रंग के कपड़ों का ही प्रयोग उचित माना जाता है।
हनुमान का ध्यान करते समय इस बात का ध्यान रखें
श्री बजरंग बली काफी शांतप्रिय देवता माने जाते हैं, इसलिए उनकी साधना बड़े ही शांत मन से करनी चाहिए। यदि आपको किसी बात पर क्रोध आ रहा है, तो ऐसे में हनुमान जी की पूजा न करें।
वहीं यदि आपका मन अशांत है ओर ऐसे में आप श्रीहनुमान की पूजा करते हैं तो भले ही इस पूजा से हनुमान जी प्रसन्न न हों, लेकिन वे मन को शांत अवश्य कर देते हैं, इसके अलावा हनुमत पूजन के दौरान गलत विचारों की ओर भी अपना मन न भटकने दें।
इन चीजों का न करें उपयोग...
बहुत कम ही लोगों ही यह जानते हैं कि हनुमान जी की पूजा में चरणामृत का प्रयोग नहीं किया जाता है। साथ ही श्री बजरंग बली की खंडित अथवा टूटी मूर्ति की पूजा करना भी वर्जित है। मांस-मदिरा का सेवन करने के पश्चात् भी न तो हनुमान मंदिर जाएं और न ही उनकी पूजा करें।
इन चीजों से दूरी रखें...
हनुमान जी की साधना-आराधना और व्रत रखने वाले व्यक्ति को हनुमान जी के व्रत वाले दिन नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि दान में दी गई वस्तु, विशेष रूप से मिठाई का स्वयं सेवन न करें।
राम नाम से प्रसन्न होते हैं श्री हनुमान...
हनुमान जी जिनते बलशाली देवता हैं उतना ही शांत उनका व्यक्तित्व है। पूजा के दिन भूलकर भी क्रोध न करें। इस पूरे दिन राम नाम की 108 माला जपने से रामभक्त हनुमान बेहद प्रसन्न होते हैं।
Published on:
12 May 2020 04:03 am
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