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केवल 7 गुरुवार जप लें ये साईं मंत्र, साईं बाबा कर देगें हर इच्छा पूरी

केवल 7 गुरुवार जप लें ये साईं मंत्र, साईं बाबा कर देगें हर इच्छा पूरी

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भोपाल

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Shyam Kishor

Feb 06, 2020

केवल 7 गुरुवार जप लें ये साईं मंत्र, कर देगें हर इच्छा पूरी

केवल 7 गुरुवार जप लें ये साईं मंत्र, कर देगें हर इच्छा पूरी

गुरुवार का दिन साईं बाबा के भक्तों के लिए खास दिन होता है। भक्त साईं मंदिर में जाकर अपनी हाजरी लगाते हैं। साईं मंदिर साईं के मंत्रों का जप करते हैं, उनके नाम का भजन कीर्तन भी करते हैं। अगर किसी साईँ भक्त की कोई कामना पूरी नहीं हो पा रही हो तो, केवल 7 गुरुवार तक भगवान साईंनाथ के इन चमत्कारी मंत्रों का जप प्रति गुरुवार ग्यारह सौ बार श्रद्धापूर्वक जप कर लें। इससे बाबा साईं प्रसन्न होकर अपने भक्तों की सभी मनोकामना पूरी कर देंगें।

7 गुरुवार तक इनमें से किसी भी एक साईं मंत्रों का करें जप-

1- ॐ शिर्डी वासाय विद्महे सच्चिदानंदाय धीमहि तन्नो साईं प्रचोदयात।

2- ॐ साईं गुरुवाय नम:

3- ॐ शिर्डी देवाय नम:

4- ॐ सर्वदेवाय रूपाय नम:

5- ॐ अजर अमराय नम:

6- ॐ सर्वज्ञा सर्व देवता स्वरूप अवतारा

7- ॐ साईं राम

8- ॐ साईं देवाय नम:

इन मंत्रों का जप गुरुवार के दिन करते समय साईं नाथ का ध्यान करने से मनचाही कामनाएं पूरी होती है एवं कामों में आ रही बाधाएं भी शीघ्र ही दूर हो जाती है। साईं भक्तों का भाग्य संवरने लगता है। इस दिन साईं भक्त बाबा के दरबार शिर्डी सहित देश के अन्य साईं मंदिर में जाकर अपने कष्टों से मुक्ति पाने के लिए साईं नाथ से प्रार्थना करते हैं।

उपरोक्त मंत्रों का जप करने के बाद जीवन रक्षा करने वाली इस चमत्कारी साईं स्तुति प्रार्थना का पाठ भी करें

।। साईं प्रार्थना ।।

1- पल-पल जो रक्षा कें, सद रहें जो साथ ।
सो हमरी रक्षा करें, समर्थ साई नाथ ॥
जो निज तन में दिखलायें, राम, कृष्ण, हनुमान ।
सो हमरी रक्षा करें, साईनाथ भगवान ।।

2- जिनकी धूनी जले निरंतर, वर दे जिनके हाथ ।
सो हमरी रक्षा करें, सद्गुरु साई नाथ ॥
जिनकी जीवन लीला से मिलते निर्मल ज्ञान ।
सो हमरी रक्षा करें, साई क़ृपानिधान ॥

3- जो हैं शामा के सखा, म्हालसापति के नाथ ।
सो हमरी रक्षा करें, सद् गुरु साई नाथ ॥
रोग-शोक जो दूर करें, दें संकट को टाल।
सो हमरी रक्षा करें, दीनानाथ दयाल ॥

4- जो बांटें उदी सदा, रक्ख़े सिर पे हाथ ।
सो हमरी रक्षा करें, रहें सर्वदा साथ ॥
जिनके चरणों में बसें सारे तीर्थ महान ।
सो हमरी रक्षा करें, साई करुणावान ॥
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