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नौकरी हो या व्यापार, मिलेगा मनचाहा वरदान करें, सावन में शिवजी का ऐसे जलाभिषेक

बेरोजगारी से परेशान तो सावन में करें शिवजी का ऐसे जलाभिषेक

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Shyam Kishor

Aug 01, 2018

savan maas

नौकरी हो या व्यापार, मिलेगा मनचाहा वरदान करें, सावन में शिवजी का ऐसे जलाभिषेक

भगवान शिव की आराधना का पवित्र श्रावण माह 28 जुलाई 2018 से प्रारंभ हो गया हैं । श्रावण माह में भक्त अपने प्रिय भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न् करने के लिए तरह-तरह की पूजा पाठ करते हैं । व्रत-उपवास के साथ बड़ी संख्या में लोग विभिन्न् तरह के पदार्थों से शिवजी अभिषेक करते हैं । लेकिन भोलेनाथ को व्यर्थ का आडंबर पसंद नहीं हैं, वे तो सच्ची श्रद्धा से अर्पित किए गए जल से ही प्रसन्न् हो जाते हैं । हिन्दू शास्त्रों में जल के कुछ ऐसे ही प्रयोग बताएं गये हैं जिनको अपनाने से भगवान शिव प्रसन्न् होकर मनचाही इच्छा पूरी कर देते हैं ।

सच्ची श्रद्धा से अर्पित करें जल


यह सच है कि शिव को केवल जल से भी प्रसन्न् किया जा सकता है, बशर्ते उसे अर्पित करते समय श्रद्धा-भक्ति सच्ची हो । जीवन की सबसे बड़ी आवश्यकता होती है पैसा । पैसे के बिना सांसारिक जरूरतें पूरी करना मुश्किल हो जाता हैं । खासकर गृहस्थ व्यक्ति पर तो पूरे परिवार का भार होता है । ऐसे में जल से जुड़ा यह एक उपाय धन संबंधी सारी परेशानियां समाप्त करने की ताकत रखता है । यदि कोई श्रावण माह के प्रत्येक सोमवार को भगवान शिव को चांदी के लोटे में शुद्ध जल में शहद की 21 बूंदें डालकर अर्पित करें । श्रावण के अंतिम सोमवार तक पहुंचते-पहुंचते आप स्वयं देखेंगे कि आपके पास विभिन्न् स्रोतों से पैसा आना शुरू हो गया हैं ।

नौकरी, व्यापार के लिए


नौकरी में तरक्की या व्यापार-व्यवसाय में लाभ के लिए श्रावण माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी से प्रारंभ करके अमावस्या तिथि तक हर दिन सुबह के समय भगवान शिव पर तीन लोटे जल अर्पित करें और उसके बाद लाल पुष्प अर्पित करें । वहीं बैठकर शिव पंचाक्षरी स्तोत्र का पाठ करें । शीघ्र ही चमत्कार देखने को मिलेगा ।



रोगों से मुक्ति के लिए


रोगों से मुक्ति के लिए भगवान शिव को श्रावण माह में प्रतिदिन जल में कच्चा दूध मिलाकर अर्पित करें । महामृत्युंजय मंत्र की एक माला रोज जप करें । इससे शीघ्र रोगी रोग मुक्ति होगा ।

शत्रुओं के नाश के लिए


संकटों से मुक्ति और शत्रुओं के नाश के लिए श्रावण माह में आने वाली अमावस्या के दिन रात्रि के समय जल से शिवजी का अभिषेक करें । इसके बाद महाकाल स्तोत्र का पाठ करें ।