
शनि देव
Shani Dev: ज्योतिष में शनि देव को श्याम वर्ण माना गया है। कहा गया है इनका वाहन कौआ है और ये हाथ में धनुष लिए रहते हैं। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार शनि देव कर्मफल दाता और दंडाधिकारी हैं यानी ये कर्मों के अनुसार फल देते हैं अच्छे कर्म का अच्छा फल और बुरे काम का बुरा नतीजा। इनका संबंध दायित्व, समस्या, अनुशासन, अखंडता, तपस्या, विनम्रता से है। ये आध्यात्मिकता, कर्तव्य और संरचना का भी प्रतिनिधित्व करते हैं।
कर्म कारक ग्रह शनि देव कार्य का फल देने में इतने दृढ़ हैं कि कोई ढिलाई नहीं बरतते। इसलिए सामान्यतः इन्हें क्रूर ग्रह माना जाता है। क्योंकि शनिदेव अव्यवहारिकता, वास्तविकता, तर्क, अनुशासन, कानून, धैर्य, देरी, कड़ी मेहनत, श्रम और दृढ़ संकल्प के प्रतीक हैं और आम व्यवहार में मनुष्य इसका आदि नहीं है। ये चीजें इंसान को सपनों की दुनिया से यथार्थ की जमीन पर ले आती हैं। इसलिए वह इसे स्वीकार नहीं कर पाता और अशुभ ग्रह कहता है। वैसे शनि अस्त के समय इन बातों का अधिक खयाल रखना चाहिए कि शनिदेव को क्या पसंद नहीं है।
1. शनि को अव्यवस्था नहीं पसंद (shani dev ko kya pasand nahi hai) है, इसलिए शनि अस्त के दौरान व्यवस्थित रूप से रहना चाहिए।
2. शनि को अनुशासनहीनता पसंद नहीं है, इसलिए शनि की कृपा पाने के लिए व्यक्ति को अनुशासन का पालन करना चाहिए।
3. शनि देव का स्वभाव क्रोध वाला माना जाता है। इसलिए शनिवार के दिन मसूर की दाल खाने से व्यक्ति में क्रोध बढ़ता है। शनि देव शीतल पदार्थों को पसंद करते हैं।
4. शनिवार को लाल मिर्च का सेवन भी अशुभ फल दायक है।
5. शनि देव को जुआ-सट्टा खेलना, शराब पीना, ब्याजखोरी पसंद नहीं है।
6. परस्त्री गमन, झूठी गवाही, निर्दोष को सताना, किसी के पीठ पीछे विरोधी काम करना पसंद नहीं है।
7. बड़ों का अपमान, ईश्वर के खिलाफ होना, गंदे दांत रखना पसंद नहीं है।
8. तहखाने की कैद हवा को मुक्त करना, भैंस-भैंसा मारना, सांप, कुत्ता और कौआ को सताना भी पसंद नहीं है।
9. शनि को अव्यवहारिकता भी पसंद नहीं है।
10. तपस्या न करना, उद्दंड व्यवहार, लोगों का अपमान करना भी शनि देव को पसंद नहीं है और इसका बुरा फल शनिदेव जरूर देते हैं। इसलिए ऐसे काम से जरूर बचना चाहिए।
11. दीन दुखियों को सताया जाना और परिश्रम न करना शनि देव को नहीं पसंद है। इसलिए इन बातों से बचकर आप शनिदेव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
Updated on:
14 Jun 2024 01:46 pm
Published on:
31 Jan 2023 02:45 pm
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