scriptshani jayanti : कहीं आपकी राशि में भी तो नहीं है शनि की ढैया चाल, जानें इसके लक्ष्ण और बचने के सरल उपाय | shani ki dhaiya ke upay in shani jayanti | Patrika News

shani jayanti : कहीं आपकी राशि में भी तो नहीं है शनि की ढैया चाल, जानें इसके लक्ष्ण और बचने के सरल उपाय

locationभोपालPublished: May 31, 2019 03:23:00 pm

Submitted by:

Shyam

शनि की ढैय्या काल में ये सावधानी रखें, नहीं तो…

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शनि जयंती 3 जून सोमवार को है, इस दिन लोग शनि देव की कृपा पाने के लिए तरह तरह की पूजा-पाठ, जप-तप, उपाय एवं टोने-टोटके भी करते हैं। जाने आपकी राशि में शनि की ढैय्या है या नहीं और अगर है तो ये उपाय शनि जयंती के दिन जरूर करें। जानें सभी राशियों में शनि की ढैय्या किसको और कब लगती है।

 

 

1- शनिदेव जब कर्क एवं वृश्चिक राशि में भ्रमण करते हैं तो मेष राशि के लोगों पर शनिदेव की ढैय्या रहती है।

2- शनिदेव सिंह व धनु राशि में गोचर में भ्रमण करते हैं, तब वृषभ राशि के लोगों पर शनिदेव की ढैय्या रहती है।

3- कन्या व मकर राशि में शनिदेव के भ्रमणकाल में मिथुन राशि के लोगों पर शनिदेव की ढैय्या रहती है।

4- तुला एवं कुम्भ राशि में गोचर, शनिदेव जब भ्रमण करते हैं तब कर्क राशि के लोगों पर शनिदेव की ढैय्या रहती है।

 

5- गोचर भ्रमणकाल में शनिदेव जब वृश्चिक और मीन राशि में आते हैं तो सिंह राशि वालों पर शनिदेव की ढैय्या रहती है।

 

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6- शनिदेव जब धनु और मेष राशि में स्थित होते हैं तो कन्या राशि के लोगों पर शनिदेव की ढैय्या रहती है।

7- शनिदेव जब मकर एवं वृष राशि में गोचर में स्थित रहते हैं तब तुला राशि के जातकों पर शनिदेव की ढैय्या रहती है।

8- गोचर में शनिदेव जब कुंभ और मिथुन राशि में प्रवेश करते हैं तो वृश्चिक राशि के लोगों पर शनिदेव की ढैय्या रहती है।

 

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9- शनिदेव जब गोचर में मीन तथा कर्क राशि में स्थित रहते हैं तब धनु राशि के लोगों पर शनिदेव की ढैय्या रहती है।

10- जब शनिदेव मेष और सिंह राशि से गोचर करते हैं तब मकर राशि वालों को शनिदेव की ढैय्या प्रारम्भ होती है।

11- गोचर में शनिदेव जब वृष और कन्या राशि में आते हैं तब कुम्भ राशि वालों को शनिदेव की ढैय्या प्रारम्भ होती है।

12- शनिदेव जब गोचर में मिथुन व तुला राशि में गोचर करते हैं तब मीन राशि वाले लोगों को शनिदेव की ढैय्या प्रारम्भ होती है।

 

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शनि की ढैय्या काल में ये सावधानी रखें

– ढैय्या में व्यक्ति को धैर्य से काम लेना चाहिए क्योंकि ढैय्या में व्यक्ति को अपने सगे संबंधियों की भी मदद कम से कम मिलती है। इसलिए स्वयं सभी कार्य करने पड़ते हैं। इसलिए प्रतिदिन प्रात:काल चिड़ियों को दाना डालें, उनके लिए पानी रखें। चींटियों को आटा शक्कर डालें और स्नान आदि से निवृत होकर सूर्य को प्रतिदिन जल दें। बुरे कार्यों से बचें।


ये उपाय शनि जयंती से अवश्य करें..

1- सुन्दरकाण्ड या हनुमान चालीसा का नित्य पाठ करना चाहिए।
2- शनिवार को सुबह पीपल के पेड़ पर जलदान करने से शनि पीड़ा से शांति मिलती है। पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर शनि मंत्र का 108 बार जप करें ।
3- शनि देव से जुड़ी वस्तुएं जैसे काली उड़द की दाल, तिल, लौह, काले कपड़े आदि का दान देना चाहिए।
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