प्राचीन साहित्य और कई अभिलेखों में दशपुर का उल्लेख भी है। मंदसौर के खानपुर में रावण का प्रतिमा भी है। इस प्रतिमा का इतिहास बहुत पुराना है। यहां के लोगों का मानना है कि लंकापति रावण की पत्नी मंदोदरी का मायका मंदसौर ( दशपुर ) था। यही कारण है कि यहां के लोग रावण को दामाद मानते हैं।
मंदसौर में होती है रावण की पूजा शारदीय नवरात्रि के दशमी को रावण का पुतला जलाकर बुराई का अंत किया जाता है लेकिन मंदसौर में रावण की साल भर पूजा की जाती है। ऐसा इसलिए किया जाता है कि यहां के लोग आज भी रावण को दामाद मानते हैं क्योंकि रावण की पत्नी मंदोदरी मंदसौर की थी।
खानपुर में है रावण की 41 फीट ऊंची प्रतिमा मंदसौर के खानपुर में रावण की 41 फीट ऊंची प्रतिमा है। इस प्रतिमा का इतिहास लगभग 400 साल पुराना बताया जाता है। यहां को लोग रावण की पत्नी मंदोदरी को बेटी मानते हैं। यही कारण है कि शहर की महिलाएं जब यहां से गुजरती हैं तो रावण की प्रतिमा के सामने घूंघट कर लेती हैं।
यहां ऐसे मनाया जाता है दशहरा दशहरे के दिन सुबह में लोग ढोल-नगाड़े बजाकर रावण की प्रतिमा की पूजा करते हैं और शाम में रावण का प्रतीकात्मक वध करते हैं। रावण के वध होने के बाद यहां की महिलाएं रावण की प्रतिमा पर प्रतिकात्मक तौर पर पत्थर भी मारती हैं। मान्यता है कि यहां रावण की पूजा करने से संतान की प्राप्ति होती है।