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वरूथिनी एकादशी : व्रत शुभ मुहूर्त एवं पूजा विधि, मंगलवार 30 अप्रैल

वरूथिनी एकादशी : व्रत शुभ मुहूर्त एवं पूजा विधि, मंगलवार 30 अप्रैल

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भोपाल

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Shyam Kishor

Apr 29, 2019

varuthini ekadashi

वरूथिनी एकादशी : व्रत शुभ मुहूर्त एवं पूजा विधि, मंगलवार 30 अप्रैल

वरूथिनी एकादशी व्रत इस साल 2019 में 30 अप्रैल दिन मंगलवार को रखा जायेगा। दिन भगवान विष्णु के अवतार वराह स्वरुप की पूजा आराधना की जाती है। इस एकादशी का व्रत रखने के लिए एक दिन पहले ही संकल्प लेकर कुछ नियमों का पालन दृड़ता पूर्वक करना चाहिए। दशमी तिथि के दिन संभव हो तो केवल एक ही समय सात्विक भोजन करना चाहिए।

पूजा विधि-

एकादशी के दिन सुबह स्नान के बाद भगवान विष्णु के वराह अवतार की पूजा सोलह प्रकार के पदार्थों से (षोडशोपचार पूजन)-

अक्षत, पुष्प, जल, धुप, दीप, नैवेद्य (प्रसाद), ऋतुफल, पान, सुपारी, लौंग, इलायची, कलावा, जनेऊ, वस्त्र, दक्षिणा, पंचमेवा आदि से विधिवत पूजन करना चाहिए। साथ ही रात में भगवान के नाम भजन कीर्तन करते हुए जागरण भी करना चाहिए।

वरूथिनी एकादशी तिथि व मुहूर्त
वरुथिनी एकादशी – 30 अप्रैल 2019

1- एकादशी तिथि का आरंभ– 29 अप्रैल दिन सोमवार को रात 10 बजकर 4 मिनट से हो जायेगा।
2- यह व्रत सोमवार 30 अप्रैल को रखा जायेगा।
3- पारण का समय– 1 मई दिन मंगलवार को सुबह 6 बजकर 44 मिनट से 8 बजकर 22 मिनट तक। इसी दिन एकादशी तिथि समाप्त हो जायेगी।

वरूथिनी एकादशी के दिन धन-वैभव एवं संपन्नता प्राप्ति के लिए भगवान विष्णु के इस विशेष मंत्र का जप करना चाहिए।

- ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।
- ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।।

वरूथिनी एकादशी व्रत करने वाले इन नियमों का पालन अवश्य करें-

- इस दिन कांसे के बर्तन में भूलकर भी भोजन नहीं करना चाहिए।
- मांस मदिरा, मसूर की दाल, चने व कोदों की सब्‍जी एवं शहद का सेवन भी नहीं करना चाहिए ।
- भूमि शयन करते हुए कामवासना का त्‍याग करना चाहिए।
- व्रत वाले दिन किसी भी प्रकार के गलत काम नहीं करना चाहिए।
- इस दिन पान खाने और दातुन करने से बचना चाहिए है।
- किसी की बुराई और चुगली नहीं करना चाहिए।
- इस दिन उपावास रखने वाले जातक क्रोध न करें और न ही झूठ बोलें।
- वरूथिनी एकादशी के दिन नमक, तेल और अन्‍न वर्जित है।

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