
विश्वकर्मा पूजा 2024
2. विश्वकर्मा पूजा के दौरान प्रतिमा के साथ औजार रखना न भूलें। रोजमर्रा की मशीनों की साफ-सफाई न भूलें, इस दिन मशीनों को न चलाएं।
3. व्यापार में वृद्धि की कामना से निर्धनों और ब्राह्मणों को दान देना न भूलें।
4. अगर आपकी कोई फैक्ट्री या कल कारखाना है या कोई ऐसा यंत्र, उपकरण या वाहन, जिससे आजीविका चलाते हैं तो विश्वकर्मा पूजा के दिन उसीकी पूजा करना न भूलें।
5. विश्वकर्मा पूजा के दिन किसी भी पुराने औजार, उपकरण को अपने घर, फैक्ट्री या दुकान से बाहर न फेंकें, वर्ना विश्वकर्माजी नाखुश हो सकते हैं।
6. विश्वकर्मा पूजा के दिन सात्विक जीवन जीना चाहिए, इस दिन भूलकर भी मांस और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।
7. शिल्पकार को विश्वकर्मा पूजा के दिन नए यंत्रों का निर्माण नहीं करना चाहिए।
8. विश्वकर्मा पूजा के दौरान वाहनों और मशीनों पर स्वास्तिक का निशान बनाना न भूलें।
ये भी पढ़ेंः
हिंदू पंचांग के अनुसार 17 सितंबर को पृथ्वी पर भद्रा का वास है। इस दिन भद्रा काल सुबह 11.44 बजे से राता 9.55 बजे तक है। पृथ्वी पर भद्रा का वास शुभ, मांगलिक कार्यों के लिए अशुभ मानी जाती है। मान्यता है कि इस समय किए काम में विघ्न आते हैं और उत्तम फल नहीं मिलता है। साथ ही इस भद्राकाल में प्राणियों को कष्ट पहुंचता है। इसलिए लोग इस समय शुभ कार्य करने से परहेज करते हैं। हालांकि पूजा अर्चना का कार्य अशुभ समय में करने में कोई दोष नहीं माना जाता है।
फिर भी वाराणसी के पुरोहित पं शिवम तिवारी का कहना है कि विश्वकर्मा पूजा अगर 17 सितंबर को करना चाह रहे हैं तो इसे भी भद्राकाल से पहले कर लें। इस दिन 17 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा करने का मुहूर्त सुबह 06:07 बजे से 11:44 बजे तक ठीक है।
कई पंचांग के अनुसार 16 सितंबर को सुबह 11. 51 बजे से 12. 40 बजे तक पूजा कर लेना चाहिए। इस दिन रवि योग बन रहा है जो विश्वकर्मा पूजा के लिए शुभ होता है। इस शुभ मुहूर्त के दौरान वाहन फैक्ट्री और घर के औजारों की पूजा उत्तम फल देगी।
Updated on:
13 Sept 2024 07:29 pm
Published on:
13 Sept 2024 07:28 pm
बड़ी खबरें
View Allधर्म-कर्म
धर्म/ज्योतिष
ट्रेंडिंग
