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बुधवारः जप लें इनमें से कोई एक गणेश मंत्र, होंगे हर मनोरथ पूरे

इच्छा पूर्ति श्री गणेश मंत्र

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भोपाल

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Shyam Kishor

Mar 03, 2020

बुधवारः जप लें इनमें से कोई एक गणेश मंत्र, होंगे हर मनोरथ पूरे

बुधवारः जप लें इनमें से कोई एक गणेश मंत्र, होंगे हर मनोरथ पूरे

बुधवार का दिन विघ्नहर्ता प्रथम पूजनीय भगवान श्री गणेश जी की विशेष पूजा अराधना का दिन माना जाता है। अगर आप अपने सभी इच्छित मनोरथों को पूरा करना चाहते हैं तो बुधवार के दिन जप लें इनमें से कोई भी एक मनोकामना पूर्ति श्रीगणेश मंत्र। प्रसन्न होकर गणेशजी करेंगे हर मनोरथ पूरे।

1- इस मंत्र का श्रद्धापूर्वक जप करने से गृह कलेश दूर होता है एवं घर में सुखशान्ति बनी रहती है।
।। ॐ ग्लौं गं गणपतये नमः ।।

2- वाद-विवाद, कोर्ट कचहरी में विजय प्राप्ति के लिए एवं शत्रु भय से छुटकारा पाने के लिए इस मंत्र को जपें।
।। ॐ गं गणपतये सर्वविघ्न हराय सर्वाय सर्वगुरवे लम्बोदराय ह्रीं गं नमः ।।

3- इस मंत्र के जप से यात्रा में सफलता मिलती है।
।। ॐ नमः सिद्धिविनायकाय सर्वकार्यकर्त्रे सर्वविघ्न प्रशमनाय सर्व राज्य वश्य कारनाय सर्वजन सर्व स्त्री पुरुषाकर्षणाय श्री ॐ स्वाहा।।

4- यह हरिद्रा गणेश साधना का चमत्कारी मंत्र हैं, इसके जप से सर्वत्र मंगल ही मंगल होता है।
।। ॐ हुं गं ग्लौं हरिद्रा गणपत्ये वरद वरद सर्वजन हृदये स्तम्भय स्वाहा ।।

5-
मुकदमे में सफलता प्राप्त करने के लिए इस मंत्र का जप करें।
।। ॐ वर वरदाय विजय गणपतये नमः ।।

6- इस मंत्र के जप से दरिद्रता का नाश होकर, धन प्राप्ति के प्रबल योग बनने लगते हैं।
।। ॐ गं लक्ष्म्यौ आगच्छ आगच्छ फट् ।।

7- व्यापार से सम्बन्धित बाधाएं एवं परेशानियां निवारण एवं व्यापर में निरंतर उन्नति हेतु।
।। ॐ गणेश महालक्ष्म्यै नमः ।।

8- यह ऋण हर्ता मंत्र हैं । इस मंत्र का नियमित जप करने से गणेश जी प्रसन्न होते है और साधक का ऋण चुकता होने लगता है । कहा जाता है कि जिसके घर में एक बार भी इस मंत्र का उच्चारण हो जाता है, उसके घर में कभी भी ऋण या दरिद्रता नहीं आ सकती ।
ॐ श्री गणेश ऋण छिन्धि वरेण्य हुं नमः फट।

9- इस मंत्र के जप से कई मनोकामनाएं पूर्ण होने लगती हैं ।
।। ॐ अन्तरिक्षाय स्वाहा ।।

10- भयानक असाध्य रोगों से परेशानी होने पर, उचित ईलाज कराने पर भी लाभ प्राप्त नहीं हो रहा हो, तो पूर्ण विश्वास सें इस मंत्र का जप करने से या किसी साधक से करवाने पर रोगी धीरे-धीरे रोगी रोग मुक्त हो जाता है।
। । ॐ गं रोग मुक्तये फट् ।।

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