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मंत्रों के उच्चारण में होती है बहुत ताकत, मिलते हैं कई चमत्कारिक फायदे

- मंत्रों को आखिर क्यों माना जाता है इतना शक्तिशाली? - मंत्रों का उच्चारण होता है बेहद कारगर

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Deepesh Tiwari

Aug 12, 2023

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वैदिक काल से ही पूजा, अनुष्ठान में मंत्रों का बहुत महत्त्व माना गया है। ईश्वर की साधना से लेकर सेहत के दृष्टिकोण से मंत्र जाप को कारगर माना गया है। मंत्र जाप करने से कई चमत्कारिक फायदे होते हैं। वेदों की बात करें, तो विभिन्न मंत्रों से शक्ति उत्पन्न होती है, जिसका असर होता है। मंत्र...एक ध्वनि, जिसमें बहुत ताकत होती है। अपनी इन्द्रियों को नियंत्रण में रखने का कारगर तरीका है मंत्र जाप। ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट फॉर एस्ट्रोलॉजिकल एंड वैदिक साइंसेज की आचार्य अनुपमा अग्रवाल का कहना है कि मंत्रों का संबंध हमारी शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक उन्नति से जुड़ा है। दरअसल ध्वनि का अपना प्रभाव होता है।

'मन' और ‘त्र’ से बना मंत्र
ज्योतिष में मंत्रों का बहुत महत्त्व है। जब भी कोई पूजा पाठ या मांगलिक कार्य किया जाता है, तब मंत्रों के उच्चारण के साथ संपन्न होता है। मंत्र दो शब्दों 'मन' और ‘त्र’ से मिलकर बना है। 'मन' का अर्थ है चित्त और ‘त्र’ अर्थ है 'यंत्र'। दरअसल एक तरंगात्मक ऊर्जा से यह संपूर्ण ब्रह्मांड व्याप्त है। माना जाता है कि एक प्रकार की ध्वनि या कई ध्वनियों का एक जटिल मिश्रण है संपूर्ण सृष्टि।

सृष्टि विभिन्न प्रकार के मंत्रों का मेल है। ‘मननात त्रायते इति मंत्रा’ मनन करने पर जो रक्षा करे उसे मंत्र कहते हैं। गौरतलब है अचेतन मन को जागृत करने की वैज्ञानिक विधि को मंत्र जप कहते हैं।

मंत्रों में है कितनी शक्ति
मंत्र का उच्चारण मंत्र जप कहलाता है। मंत्रों के उच्चारण से ध्वनि तरंगें पैदा होती हैं, जो एक ऊर्जा है। इस ऊर्जा से जीवन में मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक स्तर पर सकारात्मक बदलाव आता है। ज्योतिषाचार्य मानते हैं कि मंत्रों के उच्चारण से आत्मविश्वास बढ़ता है और एकाग्रता बढ़ती है। हिन्दू धर्म में मंत्र साधना को सभी प्रकार की साधनाओं से ऊपर माना गया है। शास्त्रों के अनुसार मंत्रों के जाप से बाधाएं दूर हो जाती हैं। मंत्र जाप के कुछ विशेष नियम भी बताए गए है। जैसे कि 108 बार या 21 बार जप करने से कार्य सिद्ध होता है। पद्मासन में मंत्र का जप करना चाहिए।

क्या होता है ध्वनि तरंगों से
कुछ मंत्रों को रोगों का निवारण करने में असरदार माना जाता है, जैसे महामृत्युंजय मंत्र। ज्योतिष के अनुसार कमजोर ग्रहों को प्रसन्न करने के लिए मंत्रों का जाप करना अच्छा बताया जाता है। हर ग्रह के लिए ज्योतिष में अलग-अलग मंत्र हैं। कई मनोचिकित्सकों का मानना है कि मंत्र जाप तनाव को कम करने में मदद करता है। मंत्र जाप तंत्रिका तंत्र को शांत करता है। मंत्रों के जाप से मन को आराम मिलता है। मंत्र जप से एकाग्रता बढ़ती है। जिससे कार्यों में सफलता मिलती है। मंत्र साधना से व्यक्ति सकारात्मक शक्तियों और ऊर्जा से जुड़ता जाता है। लगातार मंत्र जप करने से ध्वनि तरंग उत्पन्न होती है, जिसका असर होता है।

मंत्र साधना
विज्ञान की बात करें, तो सही प्रकार से मंत्रों के उच्चारण में बहुत ताकत होती है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि उससे कंपित होने वाली ऊर्जा का अलग ही प्रभाव होता है। मंत्र जप के दौरान कर्णातीत ध्वनि निकलती है। जप के अलग अलग स्तर होते हैं। इन सभी स्तरों पर ध्वनि की शक्ति बढ़ती है। मंत्र साधना से अन्दर की सोई हुई चेतना को जागृत किया जा सकता है। स्मरण शक्ति बढ़ाई जा सकती है। मंत्र जप से मनोबल दृढ़ होता है। भावपूर्वक मंत्र को बार-बार दोहराना जप कहलाता है। ‘‘मंत्रो हि गुप्त विज्ञान:’’ अर्थात मंत्र गुप्त विज्ञान है, माना जाता है उससे कई रहस्यों को समझा जा सकता है।