
आयुर्वेद में माना जाता है कि काले तिल में मौजूद तत्त्व बढ़ती उम्र के असर को कम करने का काम करते हैं। जानते हैं इसके बारे में-
तिल दो प्रकार के होते हैं-सफेद और काले। आयुर्वेद में माना जाता है कि काले तिल में मौजूद तत्त्व बढ़ती उम्र के असर को कम करने का काम करते हैं। जानते हैं इसके बारे में-
पौष्टिक तत्त्व : तिल में कई प्रकार के प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन-बी कॉम्प्लैक्स और कार्बोहाइडे्रट्स तत्त्व पाए जाते हैं। इसके तेल में मौजूद अहम तत्त्व भी कई रोगों के इलाज में उपयोगी हैं।
फायदे : बादाम की तुलना में तिल में छह गुना ज्यादा कैल्शियम होता है। हड्डियों को मजबूत बनाने के साथ यह मांसपेशियों को ताकत देते हैं। दांतों की समस्या के अलावा पेट की जलन कम कर यह याद्दाश्त बढ़ाता है। आयुर्वेद के अनुसार इसका तेल खाने में फायदेमंद होता है।
ध्यान रखें : तिल में चार तरह के रस होते हैं गर्म, कसैला, मीठा व चरपरा। गर्म तासीर के होने के कारण इसे सर्दी में अधिक खा सकते हैं। हाजमे के लिहाज से यह थोड़ा भारी होता है।
इस्तेमाल -
तिल को भूनकर चबाकर खाने के अलावा इसे लड्डू बनाकर, चूर्ण बनाकर या किसी सब्जी या भोजन में मिलाकर खा सकते हैं। इसका तेल भी कई तरह से उपयोगी है।
Published on:
14 Oct 2019 02:50 pm
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