पाइनएप्पल में भरपूर मात्रा में विटामिन सी होता है, इसके छिलके में भी ये ही ऑक्सीडेंट यानि की विटामिन C पाया जाता है। विटामिन C शरीर को इंफेक्शन से बचाता है। विटामिन C और ब्रोमालाइन की मौजूदगी के कारण पाइनएप्पल के ये छिलके बैक्टीरिया से लड़ने में शरीर की मदद करते हैं, कफ और खांसी को ठीक करते हैं साथ ही घावों को भी ठीक करने में मदद करते हैं। कुल-मिलाकर इम्यून सिस्टम बूस्ट करने के लिए ये काफी कारगर होते हैं।
पाइनएप्पल के तने और छिलके में ब्रोमालाइन नामक एक एंजाइम पाया जाता है जो रक्त का थक्का बनाने में काफी मददगार होता है। पाइनएप्पल का छिलका शरीर में सूजन को कम करने में मददगार होता है। किसी भी चोट या सर्जरी के बाद की सूजन को कम करने में ये मदद करता है। यह साइनस में भी राहत देता है।
अनानास के भीतर के गूदे की तुलना में इसका बाहरी छिलके वाला हिस्सा बहुत सख्त होता है और यह स्वाद में भी थोड़ा कड़वा होता है। लेकिन अच्छी बात ये है कि यह फाइबर से भरपूर होता है। इसके सेवन से डाइजेशन की प्रक्रिया बेहतर होती है। अनानास के छिलके में ब्रोमालाइन नाम का एन्जाइम पाया जाता है। इससे शरीर में खून बनने में भी मदद मिलती है।
जिन लोगों को अर्थराइटिस या जोड़ों में दर्द रहता है, उन्हें अनानास के छिलके का सेवन जरूर करना चाहिए। नियमित रूप से अनानास के छिलके को अपनी डाइट में शामिल करने से इन दोनों ही समस्याओं में आराम मिलता है।
अनानास के छिलके दांतों और हड्डियों को भी मजबूत बनाने का काम करते हैं। इनमें पाया जाने वाला मैंग्नीज मसूड़ों और टिश्यूज को इन्फ्लेमेशन से बचाता है और डैमेज होने वाले टिश्यूज को जल्दी रिपेयर करने में भी मदद करता है। एस्ट्रिंजेट के तौर पर भी यह अच्छा काम करता है। इससे मसूड़ों को साफ और हेल्दी रखने में मदद मिलती है।
अनानास के छिलकों में बीटा कैरोटीन और विटामिन सी जैसे तत्व मौजूद होते हैं जो आंखों की रोशनी को तेज बनाने का काम करते हैं। इससे ग्लूकोमा जैसी आई डिजीज से भी लड़ने में मदद मिलती है।
अनानास का छिलका सख्त और थोड़ा कड़वा होता है इसलिए आप उसे थोड़ा-थोड़ा करके खा सकते हैं या फिर इसके मीठे पल्प के साथ भी खा सकते हैं ताकि आपको कड़वाहट महसूस ना हो।