
80 year old man is getting only assurance from Sarpanch-Secretary instead of benefits of schemes
डिंडौरी. ग्राम पंचायत सारसताल में निवासरत एक बुर्जुग आदिवासी को 30 वर्षों बाद भी आवास योजना का लाभ नहीं मिल सका। जिसके कारण आज भी वह झोपड़ी बनकार जीवन यापन करने को मजबूर है। बातचीत में चैतू धुर्वे पिता झगरू धुर्वे 80 वर्ष निवासी सारताल ने बताया कि वह पिछले तीस वर्षों से खेत में झोपड़ी बनाकर रह रहा है। बस्ती में छोटा सा मकान था, लेकिन समय के साथ वह मकान जमींदोज हो गया, जिसके बाद वह अपने खेत में घांस फूस की झोपड़ी बनकार रहने को मजबूर है। बुजुर्ग ने बताया कि अपनी आवश्यकता की पूर्ति स्वयं को करना पड़ता है। उसने बताया कि शासन से वृद्धा पेंशन के अलावा किसी भी प्रकार का लाभ नहीं मिल रहा है। झोपडी के एक हिस्से में दो मवशी बांधने की जगह और एक छोटे से हिस्से में लकड़ी की मचान में सोने की जगह है। जगह न होने के कारण वृद्ध को भोजन झोपड़ी के बाहर पकाना पड़ता है। ऐसे में सबसे ज्यादा समस्या बारिश के दिनों में होती है। बुजुर्ग ने बताया के दिनों में मजबूरीवश उसे झोपड़ी के अंदर ही आग जलाकर खाना बनाना पड़ता है जिससे आग लगने का भी डर बना रहता है।
जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान
चैतू सिंह ने बताया की आवास योजनाओं का लाभ पाने के लिए वह सरपंच-सचिव के चक्कर लगाते हुए थक गया है। पंचायत से आश्वसन के सिवाय कुछ नहीं मिल रहा है। जब भी व जिम्मेदारों के पास जाता है आवास योजना का दिलाने की बात कहता तो हर बार उसे सिर्फ आश्वासन देकर लौटा दिया जाता है।
Published on:
12 Apr 2024 05:43 pm
बड़ी खबरें
View Allडिंडोरी
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
