
Delhi's corporate trainer set out to visit helmet to visit India
डिंडौरी. नई दिल्ली के कॉरपोरेट ट्रेनर अंश पी फाइनेंस कंपनी की जॉब छोड़कर देशभर में हेलमेट की जरूरत बताने का बीड़ा उठाया है। वह वन इंडिया वन राइड कैंपेन के तहत देश के 28 राज्यों और 09 केंद्र शासित प्रदेशों में घूमकर लोगों को जागरूक करने के क्रम में डिंडौरी पहुंचे। डिंडौरी पहुंचने के बाद पत्रिका ऑफिस पहुंच कर विशेष बातचीत में अंश ने अपनी यात्राए, उद्देश्य और जीवन के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा बाइक राइडिंग मेरा पैशन है और पैशन को एक अलग रूप देने के लिए मैंने देशभर में घूमकर हेलमेट पहनने के प्रति लोगों को अवेयर करने का संकल्प लिया है। मैं अब तक करीब 95 हजार किलोमीटर की यात्रा बाइक से कर चुका हूं। देश भर में हजारों लोग हेलमेट न पहनने की वजह से दुर्घटना में अपनी जान गंवा बैठते हैं। इसलिए लोगों को हेलमेट के प्रति जागरूक करने का संकल्प लिया है। मेरा सभी मोटरसाइकिल चालकों को संदेश है कि जीवन अनमोल है। इसे यूं ही सड़क पर न गंवाएं हेलमेट पहनें। आपके परिजन आपसे बहुत प्यार करते हैं। हेलमेट पुलिस से बचने के लिए नहीं बल्कि अपने घर वालों से मिलने के लिए पहनें।
पहली ट्रिप में 14 महीने में 75 हजार किमी की राइड
अंश ने बताया कि वह मध्यप्रदेश के सभी जिलों में जाकर लोगों को हेलमेट पहनने का इंपॉर्टेंस बताएंगे। अंश 02 अक्टूबर 2018 से श्वन इंडिया वन राइडश् कैंपेन चला रहे हैं। इसके तहत वह देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की पहली राइड पूरी कर चुके हैं। उन्होंने 14 महीनों में 75 हजार किलोमीटर की यात्रा पूरी कर 02 दिसंबर 2019 को पहली ट्रिप कंप्लीट की। अब अपनी दूसरी ट्रिप में वह भारत के सभी जिले कवर कर रहे हैं। अंश के मुताबिक वह अभियान से देश के अलग.अलग राज्यों के 02 लाख से ज्यादा लोगों को जो? चुके हैं।
लॉकडाउन में कई जगह फंसे लेकिन नहीं टूटा हौसला-
हेलमेट अभियान को लेकर 2020 की शुरुआत में घर से भारत यात्रा पर निकले अंश को 24 मार्च को लागू लॉकडाउन के दौरान कई दिक्कतें आई। वह कई जिलों में फं से लेकिन अपना लक्ष्य यादकर आगे बढ़ते रहे। उन्होंने बताया कि वह कुछ दिन पहले बैतूल पहुंचे थे और बैतूल में ही फ ंस गए। उन्हें वहां एक लॉज में रुकना पड़ा। स्थानीय युवाओं ने उन्हें भोजन उपलब्ध कराया।
पैशन के लिए 2014 में छोड़ी फायनेंस कंपनी की जॉब-
अंश ने बताया कि वह दिल्ली की एक फाइनेंस कंपनी में अच्छी प्रोफ ाइल पर जॉब करते थे। अपने पैशन के चलने उन्होंने 2014 में जॉब छोड़ दी। देश में सड़क हादसों में लगातार हो रहीं दोपहिया वाहन चालकों की मौतों की संख्या ने उन्हें विचलित कर दिया। यहीं से उन्हें अवेयरनेस कैंपेन के लिए प्रेरणा मिली। उन्होंने बाइक उठाई और भारत यात्रा पर निकल गए। अंश अब तक 500 से ज्यादा एकेडमिक इंस्टिट्यूशंस में जाकर युवाओं को हेलमेट पहनने का संदेश दे चुके हैं। अपनी यात्रा के दौरान वह दो लाख से अधिक लोगों को भी जोड़ चुके हैं। वहीं दो पहिया वाहन चलाते वक्त हेलमेट पहनने की शपथ भी दिला चुके हैं। उनका टारगेट स्कूल-कॉलेज में पढऩे वाले स्टूडेंट्स को हेलमेट के प्रति अवेयर करना है।
Published on:
14 Jun 2020 09:44 am
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