
आयुष्मान निरामय योजना में फर्जीवाड़ा, नोटिस के बाद भी संतोषजनक जवाब नहीं
डिंडौरी. भारत सरकार की महत्वाकांक्षी आयुष्मान निरामय आयुष्मान भारत योजना के तहत शहपुरा विकासखंड में प्रोत्साहन राशि के वितरण को लेकर अनियमितता का मामला सामने आया है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सीएचसी शहपुरा में पदस्थ खंड चिकित्सा अधिकारी के विरुद्ध डॉक्टरों एवं अस्पताल स्टाफ ने गत् मंगलवार को जनसुनवाई में पहुंच लिखित शिकायत की है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि सीबीएमओ पिछले तीन वर्षों से नियमित चिकित्सकीय ड्यूटी नहीं करने के बावजूद स्वयं को कार्यरत चिकित्सक दर्शाकर आयुष्मान योजना के अंतर्गत प्रोत्साहन राशि प्राप्त की है। डॉक्टरों एवं कर्मचारियों ने यह भी आरोप लगाया कि एक वर्ष से अधिक समय तक मातृत्व अवकाश पर रहीं महिला कर्मचारियों को इलाज के नाम पर आयुष्मान प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया गया। वहीं, वर्षों से ड्यूटी पर अनुपस्थित रहने वाले वार्ड बॉय के बैंक खाते में भी नियमित रूप से राशि डाली जाती रही। इसके अतिरिक्त स्थानांतरण होकर अन्यत्र पदस्थ हो चुके कर्मचारियों को भी शहपुरा ब्लॉक से आयुष्मान प्रोत्साहन राशि का भुगतान किए जाने की बात सामने आई है, जिसे नियमों का खुला उल्लंघन बताया गया है। डॉक्टरों व अस्पताल स्टाफ ने मांग की है कि मार्च 2020 से अब तक शहपुरा विकासखंड में वितरित की गई समस्त आयुष्मान प्रोत्साहन राशि की उच्चस्तरीय एवं निष्पक्ष जांच कराई जाए तथा दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए। शिकायत की प्रतिलिपि कलेक्टर डिंडौरी एवं संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएं जबलपुर को भी भेजी गई है। जानकारी के अनुसार 16 दिसंबर को जनसुनवाई में मामले की शिकायत की गई थी। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए प्रारंभिक कार्रवाई करते हुए खंड चिकित्सा अधिकारी शहपुरा को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। प्रस्तुत जवाब संतोषजनक न पाए जाने पर कलेक्टर अंजू पवन भदौरिया ने प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए चार सदस्यीय जांच समिति का गठन किया। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व शहपुरा एैश्वर्य वर्मा की अध्यक्षता में गठित जांच समिति में जिला पेंशन अधिकारी साकेत जैन, जिला आयुष्मान नोडल अधिकारी डॉ. जय श्री मरावी तथा जिला आयुष्मान समन्वयक गौरव ठाकुर को सदस्य बनाया गया है। समिति को आयुष्मान योजना अंतर्गत शहपुरा विकासखंड में हुए फर्जीवाड़े एवं अनियमितताओं की गहन जांच कर सात दिवस के भीतर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।
Published on:
24 Dec 2025 03:51 pm
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