सना मकबूल का यह खुलासा लोगों को ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस (Autoimmune hepatitis) जैसी गंभीर बीमारियों के प्रति जागरूक करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। उनका यह साहसिक कदम न केवल उनके प्रशंसकों को उनकी स्वास्थ्य यात्रा के बारे में बताता है, बल्कि उन्हें इस बीमारी के बारे में अधिक जानकारी और जागरूकता फैलाने का भी अवसर देता है
ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस: क्या है और कैसे करें उपचार Autoimmune hepatitis: what it is and how to treat it
ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस (Autoimmune hepatitis) एक प्रकार की लीवर की बीमारी है जिसमें हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से अपने ही लीवर पर हमला करती है। इससे लीवर में सूजन आ जाती है और लीवर की कोशिकाओं को नुकसान होता है। यह एक गंभीर बीमारी है लेकिन सही समय पर पहचान और उपचार से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस के लक्षण Symptoms of autoimmune hepatitis

- थकान: अत्यधिक थकान और कमजोरी महसूस होना।
- त्वचा और आंखों का पीला पड़ना: जिसे पीलिया कहा जाता है।
- पेट में दर्द: खासकर ऊपरी दाएं हिस्से में।
- भूख में कमी: खाने की इच्छा कम हो जाना।
- जोड़ों में दर्द: शरीर के जोड़ों में दर्द और सूजन।
- त्वचा पर रैशेज: त्वचा पर लाल धब्बे या रैशेज निकलना।
ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस के कारण Causes of autoimmune hepatitis
इस बीमारी का सटीक कारण अभी तक पूरी तरह से ज्ञात नहीं है, लेकिन माना जाता है कि यह जेनेटिक और पर्यावरणीय कारकों के कारण हो सकता है। यह महिलाओं में अधिक आम है और कई बार यह बीमारी किसी संक्रमण या दवा के रिएक्शन के बाद भी शुरू हो सकती है।ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस का उपचार Treatment of autoimmune hepatitis
- स्टेरॉयड: यह दवाएं लीवर की सूजन को कम करती हैं और प्रतिरक्षा प्रणाली की गतिविधि को नियंत्रित करती हैं। सबसे आम स्टेरॉयड दवा प्रेडनिसोन है।
- इम्यूनोसप्रेसिव दवाएं: अगर स्टेरॉयड पर्याप्त नहीं हैं, तो डॉक्टर इम्यूनोसप्रेसिव दवाओं का प्रयोग कर सकते हैं, जैसे कि अजैथियोप्रिन।
- लाइफस्टाइल बदलाव: स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, और तनाव प्रबंधन से भी उपचार में मदद मिलती है।
- नियमित जांच: डॉक्टर के पास नियमित जांच करवाना और लीवर की स्थिति की निगरानी करना महत्वपूर्ण है।
- ट्रांसप्लांट: गंभीर मामलों में, जब लीवर अत्यधिक क्षतिग्रस्त हो जाता है, तो लीवर ट्रांसप्लांट की आवश्यकता हो सकती है।
स्वस्थ आदतें
- स्वस्थ आहार: ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज, और प्रोटीन युक्त आहार लें।
- शराब से परहेज: शराब लीवर के लिए हानिकारक है, इसलिए इससे बचें।
- नियमित व्यायाम: हर दिन कम से कम 30 मिनट का व्यायाम करें।
- तनाव प्रबंधन: ध्यान, योग, और अन्य तनाव प्रबंधन तकनीकों का अभ्यास करें।