कोरोना महामारी के बाद अब मंकी पाक्स को लेकर चिंता बढ़ गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इस वायरल बीमारी को गंभीरता से लेते हुए कई दिशा निर्देश भी जारी किए हैं। मंकी पाक्स के रोगी चार सप्ताह तक संक्रमण फैला सकते हैं।
मंकीपाक्स के शुरुआती लक्षण
जो लोग इस वायरस की चपेट में आते हैं, उन्हें पहले बुखार आता है और फिर चेहरे और शरीर पर चकत्ते और त्वचा पर घाव होते हैं। इसके बाद यह प्रभावित अंग को छूने और कफ तथा छींक के जरिये फैलता है। त्वचा पर घाव खत्म होने में कुछ सप्ताह का समय लगता है। इससे पीडि़त लोग तब तक संक्रामक होते हैं, जब तक कि उनके त्वचा के घाव सूखते नहीं हैं।
ब्रिटेन में साउथम्पटन यूनिवर्सिटी के स्वास्थ्य पूर्व में फैले मंकी पाक्स से इस बार का मंकीपॉक्स अलग है। एक व्यक्ति से दूसरे में संक्रमण का खतरा तब तक बना रहता है, जब तक पीडि़त व्यक्तियों को चकत्ते तथा घाव रहते हैं। यह एक महीने तक का समय हो सकता है। मंकी पॉक्स का उपचार नहीं है और इसलिए इस बीमारी से बचना ही इसका पहला इलाज है।
बता दें कि 12 देशों में मंकी पाक्स के 100 से अधिक मामलों की पुष्टि हो चुकी है।
डिस्क्लेमर- आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करते हैं। इन्हें आजमाने से पहले किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। ‘पत्रिका’ इसके लिए उत्तरदायी नहीं है।