5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

हड्डियों में कैल्शियम और विटामिन-डी की कमी से होती ये गंभीर समस्या

3.5 करोड़ से अधिक लोग भारत में इस रोग से पीड़ित हैं। 20 करोड़ इस बीमारी के रोगी दुनियाभर में हैं।

2 min read
Google source verification

जयपुर

image

Vikas Gupta

Sep 17, 2019

हड्डियों में कैल्शियम और विटामिन-डी की कमी से होती ये गंभीर समस्या

3.5 करोड़ से अधिक लोग भारत में इस रोग से पीड़ित हैं। 20 करोड़ इस बीमारी के रोगी दुनियाभर में हैं।

ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी बीमारी है जिसके ज्यादातर मामले अधिक उम्र के लोगों में देखने को मिलते हैं। खासकर महिलाओं में। इसका कारण उनमें मेनोपॉज के दौरान हड्डियों का कमजोर होना प्रमुख है। पुरुषों में यह रोग पोषक तत्त्वों की कमी से हो सकता है।

यह है रोग -
हड्डियों में पौष्टिक तत्त्वों और अंदरूनी बनावट में कमजोरी आने से ये कमजोर हो जाती हैं। ऐसा लंबे समय तक होने से ये स्वत: टूट जाती हैं या इनमें फ्रैक्चर हो जाता है। यही स्थिति ऑस्टियोपोरोसिस कहलाती है। शुरुआती अवस्था में हड्डी में दर्द होने लगता है जो समय के साथ बढ़ता है। खासतौर पर जो हड्डियां शरीर का भार उठाती हैं जैसे रीढ़ की हड्डी, जांघ का जोड़, कलाई, कूल्हे का जोड़ आदि प्रमुख हैं। आमतौर पर आराम करने पर दर्द में राहत मिलती है लेकिन जोड़ पर दबाव पड़ने से दर्द सुचारू होता है।

प्रमुख कारण -
यह बीमारी मुख्य रूप से अधिक उम्र होने के कारण होती है। खराब दिनचर्या भी इसकी वजह है। सूरज की किरणों के संपर्क में कम रहने से हड्डियों में विटामिन-डी और कैल्शियम की कमी हो जाती है। पुरुषों में इसके लिए टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन की कमी जिम्मेदार है।आनुवांशिकता, डायबिटीज और थायरॉयड जैसी बीमारियों के अलावा यह कम उम्र के लोगों में सॉफ्ट ड्रिंक्स पीने, स्मोकिंग करने और शारीरिक गतिविधि के अभाव से भी होता है।

लक्षण -
शुरुआती अवस्था में इस बीमारी के लक्षण हड्डियों व मांसपेशियों में हल्के दर्द के अलावा कुछ खास नहीं दिखते। लेकिन बीमारी बढ़ने पर मामूली चोट पर भी हड्डियां टूटने या इनमें फ्रैक्चर होने लगता है। इसमें रीढ़, कलाई और हाथ की हड्डी में जल्दी से फ्रैक्चर हो जाता है। मरीज जल्दी थक जाता है और बदन दर्द करता है। आराम न मिले तो विशेषज्ञ को दिखाना जरूरी है।

रोग होने पर ये करें -
ऑस्टियोपोरोसिस की स्थिति में जंपिंग और स्किपिंग जैसी एक्सरसाइज न करें। वॉक, एरोबिक्स, डांस तथा हल्के स्ट्रेचिंग आदि व्यायाम करने चाहिए। योग मददगार है। पौष्टिक चीजें खाएं। कैल्शियम और विटामिन-डी से भरपूर चीजें ज्यादा खाएं। जैसे दूध और दूध से बने उत्पाद। अगर धूम्रपान करते हैं या शराब पीते हैं तो तुरंत छोड़ दें, इससे बीमारी बढ़ती है।

एक्स-रे, सीटी स्कैन प्रमुख जांचें -
बीमारी की शुरुआत में सबसे पहले हड्डियों का घनत्व जांचते हैं जिसके लिए विशेषज्ञ मरीज का बोन मिनरल डेंसिटी टैस्ट कराते हैं। कई बार एक्स-रे, सीटी स्कैन या एमआरआई से भी रोग की स्थिति और गंभीरता का पता लगाते हैं। इन जांचों के आधार पर इलाज और जीवनशैली में बदलाव तय करते हैं।