
Deadly Disease In India: कोरोना वायरस से भी ज्यादा खतरनाक है ये बीमारी, हर 39 सैंकड में होती है एक मौत
Deadly Disease In India: आज पूरी दुनिया में कोरोना वायरस ने हाहाकार मचाया हुआ है लेकिन कुछ बीमारियां ऐसी भी हैं जो अनजाने में ही इतनी ज्यादा फैल चुकी हैं कि अकेले भारत में ही हर वर्ष लाखों बच्चों की मौत हो रही है। निमोनिया भी इसी तरह की एक सामान्य समझी जाने वाली बीमारी है जो एक महामारी के रूप में भारत में फैल चुकी है। यूनिसेफ की एक रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2018-19 में निमोनिया से भारत में दो साल से कम उम्र के करीब 1,27,000 तथा विश्वस्तर पर लगभग 8 लाख बच्चों की मौत हुई। इनमें भी लगभग 1,53,000 बच्चे तो जन्म के बाद एक माह भी जीवित नहीं रह पाए।
रिपोर्ट में कहा गया कि 2018-19 में विश्वस्तर पर हर 39 सैंकड में निमोनिया के कारण एक बच्चे की मौत हुई। इन मौतों में नाइजिरिया के बाद भारत का दूसरे नंबर पर रहा।
क्या है निमोनिया
निमोनिया किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है लेकिन पांच साल से कम उम्र के बच्चों में यह मौत का दूसरा कारण हैं। यह फेफड़ों से जुड़ी बीमारी है। फेफड़ें मुख्य रूप से ब्लड में मौजूद दूषित गैस जैसे कार्बन डाईऑक्साइड को फिल्टर कर शरीर में ऑक्सीजन की पूर्ति करते हैं जिससे शरीर स्वस्थ रहता है। जब शिशुओंं के फेफड़ों में इंफेक्शन होता है तो फेफड़ें ठीक से काम नहीं करते हैं और ब्लड में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है जिससे बच्चों का शरीर नीला पड़ने लगता है।
दो माह से छोटे शिशुओंं को खतरा
दो माह से छोटे बच्चों को निमोनिया की आशंका अधिक रहती है। इसकी वजह बच्चों की इम्युनिटी कमजोर होती है। जल्द इंफेक्शन हो जाता है। लो बर्थ और प्रीम्चयोर शिशुओं में भी इसकी आशंका अधिक बढ़ जाती है। शिशु का सुस्त रहना, सांस तेज चलना, बुखार, खांसी, दूध न पीना, सीने में गड्ढे बनना इसके लक्षण हैं।
कैसे फैलता है
निमोनिया वायरस, बैक्टीरिया, फफूंदी व परजीवी के कारण होने वाला रोग है। ये सब श्वास के द्वारा फेफड़ों में पहुंचकर संक्रमण कर देते हैं। बच्चाें के बीमार हाेने के पीछे स्ट्रेप्टोकोकस नामक बैक्टीरिया से हाेने वाला स्ट्रेप्टोकोकस निमाेनिया प्रमुख कारण है। बच्चों में सर्दी-जुकाम जल्दी ठीक नहीं होने पर यह धीरे-धीरे निमोनिया में बदल जाता है।
अन्य कारण
ज्यादा मेहनत करने, ज्यादा ठंडा पानी पीने, हवा में रहने और खाने में ज्यादा ठंडी चीजों के सेवन से भी यह रोग हो सकता है।
कैसे करें बच्चों बचाव
सर्दी में निमोनिया के मामले बढ़ते हैं। सामान्य भाषा में कहें ताे निमोनिया छींक के साथ फैलने वाली बूंदों से होने वाला रोग है। अगर घर में किसी को सर्दी-जुकाम है तो बच्चे को होने की आशंका अधिक रहती है। ऐसे में बचाव के लिए साफ-सफाई का ध्यान रखें। बाहरी लोगों से बच्चों दूर रखें। बच्चे की इम्युनिटी मजबूत रखने के लिए 6 माह तक के बच्चे को मां का दूध और बड़े बच्चे को पोषक तत्वों से भरपूर आहार दें क्याेंकि कुपोषण और स्तनपान की कमी की निमोनिया पीड़ित बच्चे के जीवन के लिए खतरा हो सकती है।
अन्य उपाय
निमोनिया होने पर मरीज को तेल, मसाले और बाहर के खाद्य पदार्थों को छोड़कर सादा भोजन करना चाहिए और खूब पानी पीना चाहिए।
नियमित टीकाकरण करवाएं
वर्ष में एक बार दिया जाने वाला इन्फ्लूएन्जा टीका फ्लू और बैक्टीरियल संक्रमण से तो बचाव करता ही है,यह निमोनिया से भी बचाव करता है। 6 महीने से अधिक आयु का कोई भी व्यक्ति ये टीका लगवा सकता है।
Published on:
15 Mar 2020 06:34 pm
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