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एेसे रहें खुश, वातावरण से प्रभावित होती हैं सोचने की क्षमता और भावनाएं

वायुमंडल में नेगेटिव आयनों की तुलना में पोजिटिव की अधिक मात्रा शरीर की कई क्रियाओं को मंद कर देती है। अगर वातावरण में नेगेटिव आयनों की मात्रा बढ़ा दी जाए तो हम अधिक जोश, ताजगी के साथ रह सकते हैं।

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जयपुर

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Vikas Gupta

Jan 18, 2020

एेसे रहें खुश, वातावरण से प्रभावित होती हैं सोचने की क्षमता और भावनाएं

Scientifically Proven Ways To Stay Happy All The Time

हमारे आसपास की हवा में बदलाव यानी वायुमंडलीय दाब में परिवर्तन से सोचने की क्षमता और भावनाएं भी प्रभावित होती है। इसका कारण है वायुमंडल में ऋण आवेशित यानी नेगेटिव आयनों की अधिकता। आयन आवेशित परमाणु होते हैं। निश्चय ही आयन पोजिटिव (धन आवेशित) हो सकते हैं या नेगेटिव, वैज्ञानिकों ने पाया है कि वायुमंडल में धनायनों और ऋणायनों का अनुपात 5/4 होता है यानी ऋण आवेशित आयनों की अपेक्षा धन आवेशित आयनों की संख्या चौथाई गुनी अधिक होती है। नेगेटिव आयनों में ऑक्सीजन के आयनों की संख्या काफी होती है और वे हितकारी होते हैं। पोजिटिव आयनों में कार्बन डाइऑक्साइड के आयन हमारे लिए हानिकारक होते हैं। वायुमंडल में नेगेटिव आयनों की तुलना में पोजिटिव की अधिक मात्रा शरीर की कई क्रियाओं को मंद कर देती है। अगर वातावरण में नेगेटिव आयनों की मात्रा बढ़ा दी जाए तो हम अधिक जोश, ताजगी के साथ रह सकते हैं।

कैसे बढ़ाएं 'खुशी का हार्मोन'
कर्ता : आप स्वयं पोजिटिव रहें, डरना छोड़ें, आत्मविश्वास बढ़ाएं और माफ करना सीखें।

कारक : माहौल, लोगों, परिस्थितियों और विचारों को समझें, शॉर्ट-कट न अपनाएं।

कर्म : अच्छी दिनचर्या रखें, हैल्दी खाना खाएं, नियमित व्यायाम करें।