
Soaps, shampoos, cosmetics all have slow poison
हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुके कुछ ऐसे रसायन हैं जिन्हें दुनियाभर में धीमे जहर के नाम से जाना जाता है। इन्हें जाने और अपने आसपास के उपयोग में आने वाली इन चीजों के दुष्प्रभाव को नजरअंदाज न करें।
पीएच थैलेट्स: यह एअर फ्रेशनर्स, साबुन और टॉयलेट क्लीनर्स में प्रयोग होता है। यह पुरुष और महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन पैदा करने वाला एक प्रमुख रसायन माना गया है। इससे बांझपन का खतरा भी होता है।
पॉलीक्लोरोइथीलिन : यह ड्रायक्लिनिंग करने में कपड़ों से धब्बों निकालने और कालीनों की सफाई के काम में आने वाला रसायन है, जो नर्व सेल्स के लिए बेहद घातक है।
क्लोरीन: जीवाणु नाशक के तौर पर पानी में घुली क्लोरीन पाचन, थॉइराइड और श्वसन तंत्र के लिए नुकसानदायक मानी जाती है।
रेटिनॉल: सौंदर्य प्रसाधनों में पाया जाने वाला रसायन रेटिनॉल से बने उत्पादों के इस्तेमाल से गर्भवती महिलाओं को बचना चाहिए।
सोडियम लॉरिल सल्फेट: यह शैंपू में उपयोग होता है। समय से पहले बूढ़ा बना देना इसका साइड इफेक्ट है। इसका एक साइड इफेक्ट घातक है और वह है त्वचा का रंग काला होना।
हाइड्रोक्विनॉन: कॉस्मेटिक्स में पाया जाने वाला यह रसायन कैंसर कारक होता है। ओक्रोनोसिस नामक त्वचा के रोग के लिए इसे ही जिम्मेदार माना जाता है। इस बीमारी में त्वचा विकृत होने लगती है।
Published on:
20 Jan 2020 05:20 pm
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