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कमजोर इम्यूनिटी व संक्रमण हैं टांके पकने की वजह

टांके पकने या खुलने की स्थिति में री-सूचरिंग (दोबारा टांके लगाना) की जरूरत पड़ती है

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कमजोर इम्यूनिटी व संक्रमण हैं टांके पकने की वजह

टांके पकने या खुलने की स्थिति में री-सूचरिंग (दोबारा टांके लगाना) की जरूरत पड़ती है। जानें ऐसा कब और किस कारण से होता है, साथ ही बचने के लिए किन सावधानियों की जरूरत है -

डायबिटिक हैं तो रखें खास ध्यान
टांके पकने की मुख्य वजह संक्रमण है। यह अस्पताल में गंदगी, सर्जरी के दौरान औजार की साफ-सफाई में कमी या उसकी मैटल की गुणवत्ता अच्छी न होने या ठीक तरह से सफाई न होने, सर्जरी के बाद किसी बीमार व्यक्ति या जगह के संपर्क में आने आदि से हो सकता है। डायबिटीज, एड्स, हेपेटाइटिस, शरीर में पोषक तत्त्वों की कमी या रोग प्रतिरोधक तंत्र कमजोर होने पर भी टांके न सूखने से पकने की स्थिति बनती है।

लक्षणों से करें पहचान
- टांके खुलने या पकने की स्थिति में बुखार, टांके वाले स्थान व आसपास सूजन, पस पड़ना, दर्द व लालिमा आदि लक्षण सामने आ सकते हैं।

- टांके के बाद डॉक्टर द्वारा गांठ ढीली लगने, सर्जरी के बाद अधिक भार उठाने या ऐसा कोई काम करने जिससे उस स्थान पर जोर पड़े, से टांके खुल सकते हैं।

इमरजेंसी वाली सर्जरी में टांके पकने का अधिक खतरा:
टांके पकने का रिस्क उनमें अधिक है जिनकी सर्जरी इमरजेंसी में करनी पड़ती है। री-सूचरिंग के मामले दुर्घटनाग्रसित लोगों में अधिक देखे जाते हैं।

क्या करें
- विशेषज्ञ के निर्देशानुसार दी गई दवाएं समय से लें।
- डायबिटीज, हेपेटाइटिस या अन्य बीमारी की दवाएं डॉक्टरी सलाह से लेते रहें। ताकि किसी तरह की समस्या न हो।
आराम करें, भारी सामान न उठाएं, सीढ़ियां चढ़ने - उतरने से बचें। साथ ही साफ-सफाई का विशेष खयाल रखें।

- एक्सपर्ट की सलाह से दूध, फल, हरी सब्जियां आदि पोषक तत्त्वों से भरपूर चीजें खाएं। भरपूर मात्रा में लिक्विड डाइट लेते रहें ताकि डिहाइड्रेशन की समस्या न हो। तली-भुनी व बाहर की चीजें खाने से परहेज करें।
- ऐसी जगह न जाएं जहां संक्रमण होने का खतरा हो।
- बुखार, टांकों में दर्द, सूजन या कोई भी समस्या होने पर डॉक्टर से परामर्श करें।
- विशेषज्ञ घाव का संक्रमण पूरी तरह खत्म होने पर ही सर्जरी करें।
- इस परेशानी से बचने के लिए लेप्रोस्कोपिक सर्जरी बेहतर विकल्प है। इसमें संक्रमण का खतरा बेहद कम होता है।