
World Hemophilia Day 2020: पिता से नहीं, मां से बच्चे को होता है यह रोग
World Hemophilia Day 2020 In Hindi: हीमोफीलिया एक आनुवांशिक बीमारी है, इस बीमारी से पीड़ित लोगों में खून का थक्का नहीं बनता है। इन रोगियों के खून में प्रोटीन की कमी होती है जिसे क्लौटिंग फैक्टर (clotting factor) भी कहते है। यह प्रोटीन फैक्टर खून में थक्का जमा कर उसका बहना रोक देता है। आनुवांशिक होने के कारण यह यह बीमारी माता-पिता से बच्चे में भी हो सकती है। आमतौर पर यह बीमारी पुरुषों में अधिक पाई जाती है। गुणसूत्र (क्रोमोसोम) इस बीमारी के वाहक यानी बीमारी को आगे भेजने वाले होते हैं। आइए जानते हैं इस रोग के बार में कुछ खास जानकारी
दो तरह का होता है हीमोफीलिया
मुख्यतौर पर हीमोफीलिया रोग दो प्रकार का होता है। हीमोफीलिया ए ( HemophiliaA ) और हीमोफीलिया बी ( Hemophilia B )। हीमोफीलिया ए में फैक्टर 8 की कमी होती है। जबकि हीमोफीलिया बी में फैक्टर 9 की कमी होती है। रक्त का थक्का या क्लॉट जमाने के लिए आवश्यक तत्व को फैक्टर कहा जाता है, जो कि एक थक्केदार प्रोटीन है।
क्यों होता है हीमोफीलिया
लगभग एक तिहाई मामलों में यह सहज-आनुवंशिक उत्परिवर्तन (spontaneous genetic mutation) के कारण होता है। रक्त विकार सभी जातीय समूहों को समान रूप से प्रभावित करता है। हीमोफीलिया ए और बी एक्स गुणसूत्र या X क्रोमोसोम द्वारा होता है। ये हम सब जानते हैं कि महिलाओं में दो X क्रोमोसोम होते है परन्तु पुरुषों में दो अलग-अलग प्रकार के X और Y क्रोमोसोम होते हैं। पुरुषों में X क्रोमोसोम महिला से और Y क्रोमोसोम पिता से आता है। इन्हीं क्रोमोसोम से बच्चे का जेंडर निर्धारित होता है। क्रोमोसोम में ही हीमोफीलिया पैदा करने वाले जीन्स होते हैं। महिलाएं इस रोग की वाहक होती हैं। यानी बेटे में X क्रोमोसोम माँ से मिलता और यदि X क्रोमोसोम हीमोफीलिया से ग्रसित हो तो बेटे को हीमोफीलिया हो जाएगा। परन्तु बेटी में एक X क्रोमोसोम माँ से मिलता है। और यदि वो हीमोफीलिया से ग्रसित हो लेकिन पिता से आने वाला X क्रोमोसोम हीमोफीलिया से ग्रसित नहीं हो तो बेटी में यह बिमारी नहीं होगी। पिता से बच्चों में हीमोफीलिया अधिकतर नहीं होती है। हीमोफीलिया ए और बी वाले लोगों में अक्सर, अन्य लोगों की तुलना में लंबे समय तक रक्तस्राव होता है।
हीमोफीलिया सी (Hemophilia C)
हीमोफीलिया सी भी एक अनुवांशिक विकार है जो फैक्टर 11 क्लोटिंग प्रोटीन के कारण होता है। इस रोग को पहली बार 1953 में उन रोगियों में पहचाना गया था जिनके दांत निकलने पर गंभीर खून बह रहा था। सामान्य जनसंख्या में हर 100,000 लोगों में हीमोफीलिया सी की बीमारी पाई जाती है। इसका कारण यह है कि फैक्टर 11 की कमी एक आटोसॉमल अप्रभावी अनुवांशिक पैटर्न (autosomal recessive pattern) से होती है, जिसका अर्थ है कि माता-पिता दोनों में ऐसा जीन होगा जो बच्चे में इस बिमारी को पैदा करेगा जो कि हीमोफीलिया ए और बी के विपरीत है।
Published on:
16 Apr 2020 11:58 pm
बड़ी खबरें
View Allरोग और उपचार
स्वास्थ्य
ट्रेंडिंग
लाइफस्टाइल
