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आमने-सामने हुए सत्ता पक्ष सदस्य व प्रधान, अफसरों को घेरा

-आसपुर साधारण सभा बैठक में जमकर हंगामा -तबादलों की राजनीति में घेरा प्रधान को

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FIRs on three including Agriculture Extension Officer and Patwari

FIRs on three including Agriculture Extension Officer and Patwari

आसपुर (डूंगरपुर). पंचायत समिति की साधारण सभा की बैठक मंगलवार को प्रधान चिमनलाल मीणा की अध्यक्षता में हुई। बैठक शुरू से लेकर अंत तक हंगामें में ही चली। शुरुआत आधारभूत सुविधाओं के अभाव से हुई। यहां अफसरों को घेरा। इसके बाद पंचायत समिति में हुए मनमर्जी के तबादलों से बात बिगड़ गई। यहां सत्ता पक्ष के सदस्यों से आरोपों की बरसात कर दी। जवाब में प्रधान भी उखड़ गए और जमकर हंगामा चलता रहा।

हालात यह हो गए कि एक सदस्य ने इन व्यवस्थाओं से त्रस्त होकर इस्तीफा देने की धमकी तक दे डाली। उपखण्ड अधिकारी रमणलाल पाटीदार ने राजस्व संबंधित जानकारी दी। प्रारम्भ में विकास अधिकारी रामप्रसाद गालव ने पूर्व की बैठक कार्यवाही पढकर सुनाई। इसका अनुमोदन किया। नरेगा एईएन वेदप्रकाश मीणा, उपप्रधान मुकेश कलाल आदि उपस्थित थे। संचालन विष्णुकुमार मीणा ने किया।

बैठक की शुरुआत में ही सदस्यों ने गडबडाई बिजली व जलापूर्ति, टूटी सडकें, अभावों में शिक्षा सहित आधारभूत सुविधाओं से जुडे विभागों के कार्यों में लेट लतीफी पर नाराजगी जताई। साथ ही हमेशा की तरह व्यवस्था सुधारने की हिदायत भी दी।


स्थानांतरण के मामले को लेकर सत्ता पक्ष के सदस्य व प्रधान आमने सामने हो गए। वहीं प्रतिपक्ष ने भी सत्तापक्ष के सदस्यों के सुर में सुर मिलाकर जवाब तलब किए। क्षेत्र के अधिकांश ग्राम पंचायतों के सरपंच व ग्राम विकास अधिकारियों की गैरहाजरी को लेकर रोष जताया। हाल ही में पंचायतीराज कार्मिकों के स्थानांतरण की गुपचुप कार्रवाई पर भवानसिंह राठौड के नेतृत्व में सत्तापक्ष के सदस्यों की प्रधान के साथ बहस हुई।

साधारण सभा में पंचायत समिति सदस्यों के प्रस्तावों व डिजायर की अनदेखी का आरोप लगाकर बडौदा वार्ड की पंचायत समिति सदस्य पल्लवी जैन ने अपने पद से त्याग पत्र देने तक की पेशकश कर दी। इस पर प्रधान बोले कि ग्राम विकास अधिकारी एवं कनिष्ठ लिपिक आदि पंचायतीराज कार्मियों का स्थानांतरण नियमित प्रक्रिया है।

जल संसाधन विभाग से जुडी नहरी समस्या को लेकर सदस्यों ने सवाल किए तो विभाग के बडे जिम्मेदार अधिकारी के बजाय कनिष्ठ अभियंता के खडे होने पर सदस्यों ने उन्हे बोलने की इजाजत भी नही दी। भूरालाल पाटीदार, गटूलाल कलाल एवं पर्वतसिंह चौहान ने कहा कि समस्याओं का पुलंदा लेकर सदन में आते है परन्तु यहां उन विभागों से जुडे अधिकारी गैरहाजिर होते है। हम जनता को क्या जवाब दे।