सांसद सरोज पांडेय ने महापौर के रूप में अपने अंतिम कार्यकाल में इस सड़क का लाखों रुपए खर्च कर सौंदर्यीकरण कराया था। इस दौरान यहां सड़क पर फूटपाथ बनाकर रंग-बिरंगे फूलों के पौधे और कलात्मक सामग्री लगाए गए थे। इसके साथ ही इस सड़क का नामकरण फ्लावर स्ट्रीट किया गया था। फ्लावर स्ट्रीट के रूप में नामकरण के साथ इसकी पहचान के लिए साइन बोर्ड भी लगाए गए थे। इसके बाद 10 साल से ज्यादा निगम में भाजपा की सरकार रही। इस दौरान पूर्व महापौर डॉ. शिवकुमार तमेर और चंद्रिका चंद्राकर ने इसे सहेजकर रखा, लेकिन अब मौजूदा कांग्रेस सरकार द्वारा यहां छत्तीसगढ़ी लोक संस्कृति राउत नाच, पंथी नृत्य, सुआ नृत्य और खेती किसानी से संबंधित कलात्मक प्रतिमाएं लगाकर नए सिरे से सौंदर्यीकरण कराया है। इसके साथ ही इस सड़क का नाम बदलकर लोक कला मार्ग करने का भी ऐलान कर दिया गया है।
निगम प्रशासन द्वारा सड़क के नाम बदलने के साथ पुराने साइन बोर्ड और फ्लावर स्ट्रीट के रूप में लोकार्पण का शिलान्यास भी उखाड़ दिया गया है। मंगलवार को शिलान्यास का पत्थर उखाड़कर फेंसिंग के किनारे रख दिया गया था। फ्लावर स्ट्रीट का लोकार्पण तत्कालीन नगरीय प्रशासन मंत्री राजेश मूणत ने किया था।
निगम प्रशासन ने पूर्व में लगाए अपने ही पुराने साइड बोर्ड व लोकार्पण पट्टिका को भले ही हटा दिया हो, लेकिन सरकारी साइन बोर्ड में सड़क का नाम अब भी फ्लावर स्ट्रीट दर्ज है। गौरव पथ की ओर सड़क के मुहाने पर यूनीपोल में जिला प्रशासन का विशाल साइन बोर्ड लगा है, जिसमें संकेतक के साथ मार्ग का नाम अब भी फ्लावर स्ट्रीट दर्ज है।
निगम प्रशासन द्वारा करीब 50 लाख खर्च कर सड़क का सौंदर्यीकरण किया गया है। इसके अलावा यहां लोक संस्कृति से जुड़ी प्रतिमाएं लगाई गई है। बुधवार को दुर्ग-भिलाई के प्रवास पर पहुंच रहे सीएम भूपेश बघेल बदले हुए नाम के साथ इस सड़क और प्रतिमाओं का लोकार्पण करेंगे। निगम प्रशासन द्वारा लोकार्पण की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
निगम में सरकार बदलने के साथ पक्ष और विपक्ष के बीच लगातार घमासान चल रहा है। ताजा मामले में भी विवाद गहराने के आसार दिख रहे हैं। हालांकि अब तक विपक्षी दल भाजपा अथवा उनके पार्षदों की ओर से इस पर कोई भी प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, लेकिन मामला संज्ञान में आने के बाद विरोध व विवाद की स्थिति बनने की संभावना जताई जा रही है।
अजय वर्मा नेता प्रतिक्ष नगर निगम दुर्ग ने बताया कि नाम व पहचान बदलना अनुचित है। विधायक नई कल्पना नहीं कर पाते, केवल नाम लिखाने के लिए वे ऐसे उपक्रम करते रहते हैं। नई सड़क बनाने अथवा संधारण के लिए यह राशि खर्च करते तो लोगों को सुविधा मिलती। धीरज बाकलीवाल महापौर, नगर निगम दुर्ग ने कहा कि फ्लावर स्ट्रीट केवल कहने के लिए बना दिया गया। पूर्ववर्ती सरकार के लोग और उनके प्रतिनिधि फूल के पेड़ तक संभाल नहीं पाए थे। सड़क को छत्तीसगढ़ी संस्कृति से जोड़कर नई पहचान देने का प्रयास किया गया है। इसी के अनुरूप इसके नामकरण का फैसला किया गया है।