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अंडे भी करते हैं एक-दूसरे से बात, इनके सिग्नल देते हैं इन 10 बातों का संकेत

Published: Jul 26, 2019 03:46:20 pm

Submitted by:

Soma Roy

vigo university research : स्पेन के एक विश्वविद्यालय ने पीले पैर वाली चिड़िया के अंडों पर किया शोध
रिसर्च में 90 अंडों को किया गया था शामिल

yellow bird eggs
नई दिल्ली। आपने इंसानों को एक-दूसरे से बात करते देखा सुना होगा। यहां तक कि जानवरों को भी सांकेतिक भाषा से बात करते देखा होगा। मगर क्या कभी आपने दो अंडों को आपस में बातचीत करते देखा है। ये बात सुनने में भले ही अजीब लगे, लेकिन ये सच है। इस बात का खुलासा स्पेन की एक यूनिवर्सिटी में हुए रिसर्च में हुआ है।
1.स्पेन के विगो विश्वविद्यालय की ओर से ये अजीबो-गरीब शोध किया गया है। वैज्ञानिकों ने इसके लिए पीले पैर वाली चिड़िया ( yellow leg bird ) के अंडों का इस्तेमाल किया है।

2.रिसर्च के लिए करीब 90 अंडों को लिया गया था। इसमें टेस्टिंग के दौरान पाया गया कि जैसे ही अंडों को अपनी मां के खतरे में होने की भनक लगती है, वे एक-दूसरे को सिग्नल के जरिए आगाह करने लगते हैं।
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3.चूंकि उस वक्त अंडों से चूजे बाहर नहीं निकले होते हैं, इसलिए वे अंदर ही कंपन के जरिए आपस में बातचीत करते हैं।
4.अंडे अपने आस-पास होने वाली गतिविधियों, पैरों की आहट आदि को महसूस करते हैं। उन्हें खतरा लगने पर वो तेजी से हिलने लगती हैं। इससे दूसरे अंडे सतर्क हो जाते हैं।

5.शोधकर्ताओं के मुताबिक अंडों में ये कंपन चूजों के रहने की स्थिति में होता है। वे खतरे से बचने के लिए तेज-तेज चिल्लाते हैं। मगर अंडे के अंदर होने की वजह से उनकी आवाज बाहर नहीं जा पाती है। ऐसे में उनकी आवाज कंपन बनकर संकेत देती है।
yellow bird
6.जब चूजों को लगता है कि उनकी जान खतरे में है और उनकी मां आस-पास है। तब सारे अंडे एक साथ मिलकर कंपन करते हैं। इनकी वाइब्रेशन इतनी तेज होती है कि इससे चिड़िया को पता चल जाता है और वो उन तक पहुंच जाती है।
7.रिसर्च के मुताबिक जिस तरह इंसान का बच्चा गर्भ में होने पर लात मारकर या अन्य हरकतों से अपनी मां से बात करता है। ठीक वैसे ही चिड़िया के बच्चे भी अंडों में रहकर एक-दूसरे से बात करते हैं।
9.शोध के अनुसार चिड़ियों के बच्चों के लिए कंपन एक तरह से सांकेतिक भाषा का काम करता है। ये उनके बोलचाल की प्रारंभिक अवस्था होती है।

10.रिसर्च में पीले पैर वाली चिड़िया के अंडों को शामिल करने की वजह इनका ज्यादा सक्रिय होना है। ये अंडे दूसरे पक्षियों से ज्यादा संवेदनशील होते हैं।
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