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चैत्र नवरात्रि 2019 : कलश स्थापना करते समय पढ़ लें ये एक मंत्र, होगी तरक्की

इस बार पूरे नौ दिनों की होगी चैत्र नवरात्रि, 6 अप्रैल को करें कलश स्थापना कलश पर नारियल रखते समय उसके मुख की दिशा पूजनकर्ता की ओर रखें

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चैत्र नवरात्रि 2019 : कलश स्थापना करते समय पढ़ लें ये एक मंत्र, होगी तरक्की

नई दिल्ली। चैत्र नवरात्रि की शुरुआत कल यानि 6 अप्रैल से हो रही है, जो 14 तक चलेगी। इस बार नवरात्रि पूरे नौ दिन की है। ऐसे में कलश की स्थापना प्रतिपदा के दिन होगा। इस दौरान एक खास मंत्र पढ़ने से घर में बरक्कत होगी। साथ ही देवी मां प्रसन्न होंगी।

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1.ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक नवरात्रि पर कलश स्थापित करते समय ॐ भूरसि भूमिरस्य दितिरसि विश्वधाया विश्वस्य भुवनस्य धरत्री। पृथिवीं यच्छ पृथिवीं द्रीं ह पृथिवीं मा हि सीः।। मंत्र का जाप करें। इससे पूजन का शुभ फल मिलेगा और व्यक्ति की तरक्की होगी।

2.कलश की स्थापना करते समय उत्तर-पूर्व दिशा का ध्यान रखें। अब जमीन में मिट्टी की दो परतें बिछाकर इस पर मिट्टी का कलश रखें।

3.अब कलश के चारों ओर मिट्टी में जौ छिड़क लें और कलश में रोली से स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं।

4.कलश के पास में एक चौकी लगाएं। जिस पर देवी मां की मूर्ति या तस्वीर रखें। इसके बाद कलश और मां दुर्गा को सिंदूर और चावल अर्पण करें।

5.पंडित रवि दुबे के अनसुार कलश में गंगाजल मिला हुआ जल छोड़कर इसे पवित्र कर लें। उसके बाद चन्दन, दूब, सप्तमृत्तिका, सुपारी, रखें। अब कलश के ऊपर आम के पांच पत्ते रख दें।

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6.आखिर में कलश के ऊपर जटावाला नारियल लाल रंग का कपड़ा लपेटकर रख दें। ध्यान रहे कि नारियल का मुंह पूजा करने वाले व्यक्ति की ओर हो। कलश स्थापना का शुभ लाभ तभी होगा।

8.कलश पर नारियल रखते समय "अधोमुखं शत्रु विवर्धनाय,ऊर्ध्वस्य वस्त्रं बहुरोग वृध्यै। प्राचीमुखं वित विनाशनाय,तस्तमात् शुभं संमुख्यं नारीकेलं" मंत्र का जाप करें। इससे देवी मां आपकी प्रार्थना स्वीकार करेंगी।

9.कलश स्थापना के अंतिम चरण में ॐ भूर्भुवः स्वःभो वरुण! इहागच्छ, इह तिष्ठ, स्थापयामि, पूजयामि, मम पूजां गृहाण। ओम अपां पतये वरुणाय नमः मंत्र पढ़कर देवी मां का आवाहन करें।

10.नवरात्रि के पहले दिन यानि प्रतिपदा को व्यक्ति को लाल रंग के वस्त्र धारण करके पूजा करनी चाहिए।