script14 मार्च से शुरू हो रहे हैं होलाष्टक, भूलकर भी न करें ये काम | holashtak will start from 14th march, don't do these things | Patrika News

14 मार्च से शुरू हो रहे हैं होलाष्टक, भूलकर भी न करें ये काम

locationनई दिल्लीPublished: Mar 07, 2019 03:14:01 pm

Submitted by:

Soma Roy

होलाष्टक के आठ दिन ग्रहों की स्थिति बदलती रहती है, इस दौरान शुभ कार्य करने वर्जित होते हैं।

holashtak 2019

14 मार्च से शुरू हो रहे हैं होलाष्टक, भूलकर भी न करें ये काम

नई दिल्ली। होली के त्योहार के आठ दिन पहले होलाष्टक लग जाती है। इन दिनों कोई भी धार्मिक या शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस बार होलाष्टक 14 मार्च से शुरू हो रहे हैं। जबकि होलिका दहन 20 मार्च और दुलहंदी 21 मार्च को है।
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1.ज्योतिषाचार्य कृष्णकांत चतुर्वेदी के अनुसार होलाष्टक के दौरान ग्रहों की स्थिति बदलती हैं जिसके चलते शुभ काम वर्जित माने जाते हैं। इन दिनों वैवाहिक कार्यक्रम नहीं करना चाहिए। क्योंकि ये शादी के लिए अनुचित समय होता है। इस बीच गठबंधन करने से वैवाहिक जीवन कठिनाइयों भरा रहता है।
2.होलाष्टक में नए घर में प्रवेश भी नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से घर में बरक्कत नहीं होती है। इससे मां लक्ष्मी भी रूठ जाती हैं।

3.अगर किसी की कुंडली में दोष है और वो नवग्रह शांति पाठ कराने की सोच रहे हैं तो होलाष्टक के दिनों में ये काम न करें। क्योंकि इस बीच सभी ग्रह उग्र अवस्था में होते हैं। इससे पूजन का फल नहीं मिलेगा।
4.अगर आपके यहां किसी नवजात का मुंडन कराना हो तो ये काम भी इन दिनों टाल दें। क्योंकि ऐसा करने से मुंडन संस्कार सफल नहीं होता है।

5.होलाष्टक में घर में कोई भी पूजन या अनुष्ठान न कराएं। क्योंकि इस बीच देवी-देवता क्रोध में रहते हैं। ऐसे में पूजा का लाभ नहीं मिलेगा।
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6.पौराणिक धर्म ग्रंथों के अनुसार होलाष्टक के दिन इसलिए अशुभ माने जाते हैं क्योंकि भगवान शिव ने होलाष्टक के पहले दिन कामदेव को भस्म कर दिया था। बताया जाता है। कामदेव ने भोलेनाथ की तपस्या भंग करने की कोशिश की थी।
7.एक अन्य कथा के अनुसार फाल्गुन शुक्ल पक्ष अष्टमी को हिरण्यकश्यप ने भक्त प्रह्लाद को बंदी बनाकर यातनाएं दी थीं। साथ ही होलिका ने भी प्रह्लाद को जलाने का प्रयास किया, लेकिन वह स्वयं ही जल गई और प्रह्लाद बच गए थे।
9.होलाष्टक के दौरान नकारात्मक शक्तियां हावी रहती हैं। इसलिए तांत्रिकों के लिए ये दिन बहुत काम के होते हैं। इन दिनों में साधना का दोगुना फल मिलता है।

10.होलाष्टक के दौरान दान पुण्य करना भी वर्जित माना गया है। क्योंकि इन दिनों कोई भी चीज अर्पण करने से वो ईश्वर तक नहीं पहुंच पाता है।
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