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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने इकोनॉमी को बूस्ट करने के लिए सरकारी कर्मचारियों को बोनस ( Bonus for Central Government Employees ) देने का ऐलान किया है। इसके लिए सरकार एक मोटी राशि खर्च करने को तैयार हो गई है। फेस्टिव सीजन से पहले इस तरह के ऐलान का असल मकसद है ताकि लोगों की खर्च क्षमता में इजाफा हो सके और बाजार में मांग में इजाफा हो सके। मांग में इजाफा होने से उत्पादन में इजाफा होगा और देश की मंद पड़ी मशीनरी में तेजी देखने को मिलेगी। आपको बता दें कि सरकार की कर्ठ पीएसयू कंपनियों की ओर से बोनस देने का ऐलान कर चुकी हैं।
केंद्र सरकार का बड़ा फैसला
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए 30 लाख से अधिक नॉन गजेटिड कर्मचारियों के लिए प्रोडक्टिविटी से जुड़े बोनस और गैर-उत्पादकता बोनस को मंजूरी दे दी। बोनस की एकमुश्त राशि दशहरा से पहले ही डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर के माध्यम से कर्मचारियों के खातों में भेजी जाएगी। इससे सरकार पर कुल 3,737 करोड़ रुपए का भार पड़ेगा। सरकार का यह कदम देश की इकोनॉमी को बूस्ट करनले के लिए बड़ा कदम माना जा रहा है।
कई तरह की कर चुके हैं घोषणा
यह त्योहारी सीजन से पहले सरकारी कर्मचारियों को खुश करने के लिए सरकार ने उन्हें यह तोहफा दिया है। 12 अक्टूबर को, वित्त मंत्री ने आगामी त्योहारों के मौसम में खर्च करने के लिए सरकारी कर्मचारियों को प्रेरित करने के लिए कई उपायों की घोषणा की, जिनमें 'एलटीसी कैश वाउचर स्कीम' और 'स्पेशल फेस्टिवल एडवांस स्कीम' शामिल हैं।
कई कंपनियां दे रही हैं बोनस
देश की कई पीएसयू कंपनियां भी अपने कर्मचारियों को बोनस देने की घोषणा और इजाफे की बात कर चुकी हैं। कोल इंडिया और सेल जैसी कंपनियों की ओर से पिछले सप्ताह ही बोनस में 6 फीसदी और उससे ज्यादा का इजाफा करने की बात कही है। दूसरी ओर प्राइवेट कंपनियों की ओर से भी अपने कर्मचारियों को बोनस देने और सैलरी बढ़ाने की बात सामने आ रही है। हाल में प्राइवेट कंपनियों की ओर से जारी किए गए तिमाही नतीजे काफी अच्छे देखने को मिले हैं। जिस वजह से उन्होंने इस तरह का फैसला किया है।
Updated on:
22 Oct 2020 10:29 am
Published on:
22 Oct 2020 10:22 am
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